यूपी की तरह बिहार में भी बने PSA ऑक्सीजन प्लांट
कोरोना महामारी के दौर में लगातार ऑक्सीजन संकट बना हुआ है। इसकी तीसरी लहर की तैयारी के लिए जरूरी है कि यूपी की तरह बिहार में भी बने PSA ऑक्सीजन प्लांट।
कौनेन अली
उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम ने कल उत्तर प्रदेश में PSA ऑक्सिजन प्लांट की सप्लाई, एवं इन्स्टलेशन के लिए क़रार किया गया है। PSA विधि का अर्थ है कम्प्रेस्ड एयर से ऑक्सीजन को अलग करने की विधि। मालूम हो कि हवा में 21 प्रतिशत ऑक्सीजन होता है। इसके साथ ही 78 प्रतिशत नाइट्रोजन और अन्य गैस होते हैं।
कंप्रेस्ड एयर से ऑक्सीजन निकालने के लिए प्लांट लगाए जा सकते हैं। यूपी के इस मॉडल पर बिहार और झारखंड की सरकार को भी चाहिए कि ऐसे ऑक्सीजन प्लांट निर्माण के लिए किसी कंपनी के साथ करार करे। ऐसा करने से बिहार और झारखंड में कोरोना महामारी में ऑक्सीजन के किल्लत को दूर किया जा सकता है।
यूपी लघु उद्योग निगम के मुख्य अभियंता प्रभात बाजपेई, एग्ज़िकोन ग्रुप के प्रबंध निदेशक एम. क्यू. सैय्यद, E&Y के अभिषेक एवं टीम एग्ज़िकोन एवं टीम उ.प्र. लघु उद्योग निगम के अन्य सदस्यों ने UPSIDC भवन, कानपुर में इस करार पर हस्ताक्षर किए। इसके बाद एक विस्तृत मीटिंग में प्रदेश के अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन जेनरेटर लगाने के लिए प्लान ऑफ एक्शन डिस्कस कर दोनों पक्षों के बीच करार किया गया।
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मालूम हो कि उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम राज्य सरकार का एक मात्र निगम है जो राज्य की एम.एस.एम.ई. इकाइयों के वृहद विकास के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित किया गया है। ऐसे निगम बिहार और झारखंड में मौजूद है। अगर इन दोनों प्रदेश की सरकारें चाहें, तो ऐसे लघु उद्योग निगम की मदद से स्थापित हे सकते हैं।
बिहार में ऐसे ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए अगर सरकार आगे आती है, तो इससे कम समय में ऑक्सीजन का संकट खत्म किया जा सकता है। ऑक्सीजन के लिए केंद्र सरकार और दूसरे प्रदेशों पर निर्भरता को भी समाप्त किया जा सकता है। इस तरह बिहार ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर बन सकता है।
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ऐसे प्लांट को अभी ही लगाना ज्यादा लाभकारी होगा, क्योंकि इससे बिहार कोरोना की तीसरी संभावित लहर के लिए पहले से तैयार रहेगा, जिससे कोरोना से निबटना आसान होगा।