वैक्सीन की कीमत तय, 1 मई के बाद नोटबंदी जैसी लाइन लगेगी?
सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड वैक्सीन की कीमत तय कर दी है। राज्य सरकारों व प्राइवेट अस्पतालों के लिए कीमत अलग-अलग है। जानिए, राहुल गांधी ने क्या कहा।
सीरम इंस्टीट्यूट ने कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की कीमत तय कर दी है। यह अब राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों को सीधे तय कीमत पर बेच सकेंगी। इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन की एक डोज की कीमत राज्य सरकारों के लिए 400 रुपए और प्राइवेट अस्पतालों के लिए 600 रुपए तय कर दी है।
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केंद्र सरकार ने एक मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन देने की अनुमति दे दी है। उससे पहले ही सीरम इंस्टीट्यूट ने कीमत तय कर दी है। पहले तो कहा गया कि देश के सभी नागरिकों को वैक्सीन मुफ्त में दी जाएगी, लेकिन अब सीरम ने कीमत तय कर दी है, तो मुफ्त दिए जाने की संभावना खत्म हो गई है। सीरम इंस्टीट्यूट की विज्ञप्ति के अनुसार जितनी वैक्सीन बनेगी, उसका आधा हिस्सा वह केंद्र को देगा और आधा राज्य सरकारों व प्राइवेट अस्पतालों को।
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राहुल ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की वैक्सीन रणनीति नोटबंदी से कम नहीं- आम जन लाइनों में लगेंगे। धन, स्वास्थ्य व जान का नुक़सान झेलेंगे। और अंत में सिर्फ़ कुछ उद्योगपतियों का फ़ायदा होगा।
उधर, विदेशी टीके मंगाने की इजाजत भी केंद्र सरकार ने दे दी है। अबतक केंद्र ने एक मई से टीकाकरण के संबंध में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिया है। कई लोग आशंका प्रकट कर रहे हैं कि एक मई से वैक्सीन के लिए कहीं अफरा-तफरी न मच जाए।
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सवाल यह भी उठ रहा है कि 18 वर्ष से कम उम्र के किसी किशोर को गंभीर बीमारी रहने पर भी उसे टीका नहीं मिल सकेगा, जबकि वह कोरोना के लिए संवेदनशील (वलनरेबल) होगा।