वैक्सीन विवाद : जेएमएम बोला, हमारी मांग पर SC ने लगाई मुहर
वैक्सीन विवाद बढ़ता जा रहा है। हेमंत सोरेन, ममता बनर्जी, नवीन पटनायक, पिनराई विजयन मुफ्त टीका देने की मांग कर चुके हैं। अब सुप्रीम कोर्ट की कड़ी टिप्पणी।
अबतक सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार पर इतनी कड़ी टिप्पणी नहीं की थी। आज कोर्ट ने सीधा और स्पष्ट कहा कि मोदी सरकार की वैक्सीन पॉलिसी अतार्किक है। 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को फ्री में वैक्सीन दिया जा रहा है, 18 से 44 वर्ष के लोगों को फ्री में नहीं देना मनमानी है, अतार्किक है। कोर्ट ने टीकाकरण के लिए मोदी सरकार के 35 हजार करोड़ रुपए का भी हिसाब मांगा। दिसबंर तक सबको कैसे टीका लगेगा, इसका भी खाका मांगा।
इससे पहले कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बंगाल, ओड़िशा और केरल के मुख्यमंत्री भी राज्यों को मुफ्त टीका देने की मांग कर चुके हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री का राज्यों को फ्री में वैक्सीन देने की मांग ने लोगों को चैंकाया है। यही नहीं, उन्होंने ममता बनर्जी से फोन पर बात भी की और फ्री वैक्सीन के लिए केंद्र पर दबाव बनाने की चर्चा की।
आज झारखंड मुक्ति मोर्चा ने ट्विट किया-जो बात हम कई महीनों से कहते आ रहे हैं आज सुप्रीम कोर्ट ने भी उस पर मुहर लगा दी। अब तो शर्म कीजिए पत्रवीर महोदय। और हेमंत सरकार ने अपने पत्र में कहीं नहीं लिखा की वे अपने नागरिकों को निःशुल्क टीका नहीं लगाएँगे। झारखंडियों को टीका तो निःशुल्क ही मिलेगा – केंद्र साथ दें या ना दे। झामुमो और हेमंत सोरेने के स्टैंड ने उनका कद बढ़ाया है।
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मोर्चा ने यह भी कहा- हमने यह भी कहा है की निःशुल्क यूनिवर्सल वैक्सिनेशन सभी देश वासियों का हक़ है। आशा है कि आप एक देश, एक विधान, एक निशान की बात करने वाले दल से एक देश में 2 वैक्सीन की 6 क़ीमत पर सवाल अवश्य करेंगे। इधर, बिहार के मुख्यमंत्री की चुप्पी से बिहार को नुकसान हो रहा है।
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