उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर मंगलवार को कहा कि भारत अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता है तथा न किसी देश के अंदरुनी मामलों में दखल देता है और न ही अपने मामलों में किसी को हस्तक्षेप की अनुमति देता है।
श्री नायडू ने फ्रांस की आर्थिक मामलों की स्थायी समिति की अध्यक्ष और सीनेट सोफी प्राइमस के नेतृत्व में फ्रांसिसी सांसदों के शिष्टमंडल के साथ बातचीत करते हुए कहा कि भारत और फ्रांस के मध्य सामरिक भागीदारी भारत की विदेशी नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। दोनों देश मिलकर शांति और स्थिरता के अग्रदूत के रूप में काम कर सकते हैं। उन्होंने विश्व में शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों के बीच नजदीकी सहयोग का भी आह्वान किया।
उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत अपने पड़ोसियों सहित सभी देशों के साथ सदैव शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व में विश्वास करता है। हम नहीं चाहते हैं कि कोई हमारे देश के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करे और न ही हम स्वयं अन्य देशों के मामले में दखल देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भारत रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद विरोध, अंतरिक्ष सहयोग, आर्थिक भागीदारी और अन्य क्षेत्रों में फ्रांस के साथ अपनी भागीदारी को बहुत महत्व देता है।
श्री नायडू ने दोनों देशों के बीच नजदीकी संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत-फ्रांस संसदीय मैत्री समूह की स्थापना का सुझाव दिया। दोनों देशों के बीच अधिक से अधिक व्यापार, प्रौद्योगिकी और पूंजी प्रवाह का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि भारत के विकास के लिए शहरी नवीकरण और स्वच्छ ऊर्जा में भारी निवेश की जरूरत है।