वैश्य समुदाय करेगा गाँधी मैदान में अपना शक्ति प्रदर्शन के लिए महारैली
वैश्य महापंचायत समन्वय समिति की राज्यस्तरीय कार्यसमिति की प्रथम बैठक राजधानी पटना स्थित बी.आई.ए. सभागार में आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता ई.सुंदर साहू व मंच संचालन डा.प्रसादजगन्नाथ गुप्ता ने किया.
उक्त दोनों सदस्यों सहित समन्वय समिति के सदस्य डा.विमल कारक, कमल नोपानी, पी.के.चौधरी, दीपक अग्रवाल एवं डा.आनन्द कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि आजादी के सात दशक बाद भी सर्वाधिक आबादी वाला वैश्य समुदाय सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक व राजनैतिक रूप से काफी पिछड़ा हुआ है.
लोकतंत्र में चाहे विधानसभा हो विधानपरिषद हो या लोकसभा सभी में वैश्य समाज की भागीदारी व हिस्सेदारी नगन्य है. यही कारण है की वैश्य समाज अपराधियों, लुटेरों व गिरोहों के निशाने पर रहता है. सर्वाधिक पच्चीस फीसदी आबादी वाले वैश्य समाज का प्रतिनिधित्व विधानसभा में करीब साठ के करीब होना चाहिए लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है. आनन्द साहू ने कहा की आगामी 2020 विधानसभा चुनाव में वैश्य समाज को महज वोट बैंक समझने वाली पार्टियों सहित सभी राजनैतिक दलों ने अगर वैश्य समाज की महत्ता को नहीं समझा तो वैश्य महापंचायत करीब साठ विधानसभा को चुनकर एक बड़ा राजनैतिक निर्णय लेने का काम करेगा.
ज्ञातव्य हो कि आगामी अप्रैल माह में वैश्य महापंचायत वैश्य चेतना महारैली का आयोजन करेगा जिसमें प्रदेश के सभी आठ हजार से अधिक पंचायतों से लेकर सभी प्रखंडों एवं सभी विधानसभाओं से लाखों वैश्यों को जुटाकर वैश्य समाज के विभिन्न जातियों को जोड़कर वैश्य समाज अपनी एकता – एकजुटता का प्रदर्शन करेगा.
बिहार के वैश्य समाज के सभी संगठनों की एकीकृत संस्था वैश्य महापंचायत की प्रथम कार्यसमिति की हुई इस बैठक में मुख्य रूप से मंजीत आनन्द साहू संतोष कुमार, रविकांत चौरसिया, नन्दकिशोर पोद्दार, अजय गुप्ता, विनोद गुप्ता, कुमार सुंदरम, किशोर कुमार लहेरी, अमन आर्यन, धनजी प्रसाद, अरुण कुमार, सहित अन्य गणमान्य नेताओं ने कार्यसमिति की सम्बोधित किया.