वाल्मीकिनगर में सरकार : पानी की तरह बहा गरीब प्रदेश का पैसा
पहली बार नीतीश कैबिनेट की बैठक वाल्मीकिनगर में हुई। कुछ घंटों की बैठक के लिए गरीब राज्य का पैसा पानी की तरह बहाया गया। खाने-पीने व तफरीह का पूरा प्रबंध।
अधिक ठंड भले ही गरीब के लिए जानलेवा हो, पर एक वर्ग इसी मौसम में कश्मीर घूमने जाता है। बिहार की नीतीश कैबिनेट की बैठक आज पहली बार वाल्मीकिनगर में हुई। कुछ घंटों की बैठक की तैयारी में पूरा जिला प्रशासन कई दिनों से व्यस्त रहा। बैठक के लिए जल संसाधन विभाग का ऑडिटोरियम हॉल खूब अच्छी तरह सजाया गया। बैठक में आनेवाले मंत्रियों और अधिकारियों की तफरीह का भी पूरा इंतजाम किया गया था। इसके लिए बोटिंग की व्यवस्था थी।
बैठक में सुख-सुविधा के सारे इंतजाम फाइव स्टार होटल स्तर के किए गए। भोजन के लिए 24 खानसामे पटना के बड़े होटलों से भेजे गए थे। कैबिनेट की बैठक के लिए शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के भोजन की व्यवस्था थी। मंत्रियों और अधिकारियों के ठहरने के लिए सारे अच्छे होटल पूरी तरह बुक कर लिये गए थे।
भोजन और तफरीह के अलावा सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे। हर चौक-चौराहे पर बैरिकेडिंग की गई थी और पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। यह सारा इंतजाम कल तक रहेगा। बैठक के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यहीं रात्रि विश्राम करेंगे और कल सुबह वे यहां से समाज सुधार यात्रा पर निकलेंगे।
समाज सुधार यात्रा से पहले शाही अंदाज में कैबिनेट की बैठक पर सवाल उठना लाजिमी है। साल के अंत में और नए साल के प्रारंभ में विभिन्न कंपनियां अपने अधिकारियों को विदेश टूर पर भेजती हैं। एक बड़ा हिस्सा देश के टूरिस्ट स्थलों पर जाता है। कंपनियां अपने अधिकारियों को खुश रखना चाहती है, ताकि नए साल में वे मुनाफा का नया लक्ष्य हासिल करें। हां, इन कंपनियों के साधारण कर्मियों के भाग्य में यह टूर पैकेज नहीं होता। तो क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कॉरपोरेट अंदाज में सरकार संचालित कर रहे हैं। इस बैठक से कैबिनेट के सदस्य तो खुश होंगे, वर्षों तक याद करेंगे, लेकिन आम जनता क्या करे!
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