बिहार विधान परिषद में राष्ट्रीय जनता दल के सदस्यों ने धार्मिक स्थलों की जमीनों को हड़प कर मॉल एवं भवन बनाने के मामले को लेकर आज भारी शोरगुल और हंगामा किया, जिसके कारण प्रश्नकाल लगभग नौ मिनट तक बाधित रहा।
कार्यकारी सभापति हारून रशीद के आसन ग्रहण करते ही राजद के सुबोध कुमार ने कार्यस्थगन सूचना के माध्यम से इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य में इसाई, मुस्लिम एवं अन्य धर्मावलंबियों के धार्मिक स्थलों की जमीनों को हड़प कर मॉल एवं भवन बनाये जा रहे हैं। राजधानी पटना में बड़ी संख्या में ऐसी जमीनों पर रेरा एवं बिल्डिंग बायलॉज के नियमों के विपरीत भवन बन रहे हैं।
राजद सदस्य ने कहा कि राजधानी के लोदीपुर में भी इसी तरह का एक आलीशान मॉल का निर्माण किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि लोदीपुर में निर्माणाधीन मॉल राज्य के एक बड़े रसूखदार राजनेता का है, जो अपने पद और शक्ति का गलत इस्तेमाल कर चर्च की जमीन हड़प कर निर्माण करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह से सृजन और शौचालय घोटालों से प्राप्त काले धन को सफेद करने का खेल किया जा रहा है।
श्री कुमार ने सवालिया लहजे में कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की संपत्ति कैसे बढ़ गई यह आश्चर्य की बात है। श्री मोदी के पुत्र के पास इतना पैसा कहां से आ गया और उनकी बहन रेखा मोदी कहां है। उन्होंने कहा कि श्री मोदी का नारको टेस्ट होना चाहिए ताकि पता चल सके कि वह ईमानदार हैं या नहीं। तभी राजद विधानमंडल दल की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने कहा कि श्री मोदी स्वयं को पाक-साफ बताते हैं जबकि उनके पास अकूत संपत्ति है। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि श्री मोदी की हर बात में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव का नाम लेने की आदत हो गई। श्री मोदी की देश-विदेश में संपत्ति है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
इसी दौरान श्रम संसाधन मंत्री विजय सिन्हा और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रजनीश कुमार ने कहा कि श्रीमती राबड़ी देवी एक जिम्मेदार पद पर रहते हुए गैर जिम्मेदाराना बयान दे रही हैं। एक भ्रष्टाचारी को बचाने के लिए इस तरह की बात कर रही हैं। इस दौरान श्री सिन्हा और पूर्व मुख्यमंत्री के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई तभी राजद के रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि श्री मोदी के पद पर रहते हुए एसी, डीसी, बियाडा, बाढ़ राहत घोटाले के साथ ही कई घोटाले हुए। इस भाजपा और राजद के सदस्य अपनी-अपनी सीटों के समक्ष खड़े होकर जोर-जोर से बोलने लगे, जिसके कारण सदन हंगामे में डूब गया।
इसी दौरान भाजपा के प्रो. नवल किशोर यादव ने कहा कि कार्यस्थगन नियमावली में यह कहां लिखा गया है कि कोई किसी के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करे। यह गलत परंपरा की शुरुआत है। इससे पूर्व कार्यकारी सभापति ने परिषद के कार्यसंचालन नियमावली का हवाला देकर श्री कुमार के कार्यस्थगन प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिया था।