कल चुनाव से ठीक पहले सोशल मीडिया में विनोद तावड़े ट्रेंड कर रहा है। वे भाजपा के महामंत्री हैं। उन्हें बहुजन विकास अघाड़ी के कार्यकर्ताओं ने करोड़ों के कैश और एक डायरी के साथ पकड़ लिया। राजद सांसद मनोज झा ने कहा ये हैं बिहार बीजेपी के प्रभारी महोदय। बिहार की उर्वर भूमि से संचित “उर्वरक” का महाराष्ट्र के चुनाव में वोटों की फसल बढ़ाने का उद्यम। ये है चाल, चरित्र और चेहरे की असली हक़ीक़त। इधर उप्र में 9 सीटों के लिए हो रहे उप चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत जोंक दी है। सपा ने प्रशासन का गलत इस्तेमाल किए जाने का आरोप लगाया है। बड़ी संख्या में सपा कार्यकर्ताओं को लाल नोटिस दिया गया है। नोटिस में लिखा है कि आप मतदाताओं को धमका रहे हैं। उनमें भय पैदा कर रहे हैं। प्रशासन की आप पर नजर है। आपने मतदान को प्रभावित करने की कोशिश की तो आपके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस बीच समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को पत्र लिख कर कहा है कि मतदान के दौरान मतदान केंद्र पर नियुक्त पुलिसकर्मी महिला मतदाताओं के बुर्के या हिजाब न हटाएं। मतदाताओं की पहचान करने का कार्य मतदानकर्मियों का है।
उप्र में सपा कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में लाल नोटिस दिए जाने का सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने विरोध किया है। उन्होंने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें बड़ी संख्या में पुलिसवाले फ्लैग मार्च कर रहे हैं। अखिलेश यादव ने लिखा कि यह मणिपुर नहीं है, उप्र का सीसामऊ विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव है। कहा कि भाजपा सरकार के कार्य से क्या लोगों में विश्वास खत्म हो गया है कि विश्वास जगाने के लिए इतनी बड़ी संख्या में पुलिस मार्च कर रही है। जनता सब समझती है। इधर सपा ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं को पुलिसवाले परेशान कर सकते हैं। पुलिस को बुर्का उठा कर मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने का कोई अधिकार नहीं है। चुनाव आयोग संज्ञान ले। माना जा रहा है कि सपा को यह सूचना मिली है कि महिला मतदाताओं को रोकने के लिए पुलिस इस तरह से उन्हें रोक-टोक कर सकती है, ताकि उनमें भय पैदा हो जाए।