विपक्ष टैक्टर पर आक्रामक, जदयू का बंद कमरे में प्रशिक्षण
आज तेजस्वी यादव ट्रैक्टर पर निकले। विपक्ष आक्रामक दिख रहा है, जबकि आज जदयू के सारे प्रमुख नेता बंद कमरे में प्रशिक्षण में व्यस्त रहे। किधर जा रहा बिहार?
कुमार अनिल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी सबसे बड़ी पूंजी मानते रहे हैं-क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म से कोई समझौता नहीं। ये तीन जदयू के कोर वैल्यू रहे हैं। इन तीन में से दो कोर वैल्यू आज संकट हैं। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव लगातार क्राइम और करप्शन पर मुख्यमंत्री को घेर रहे हैं। लगातार मैट्रिक परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने पर आज उन्होंने बिहार के शिक्षामंत्री से इस्तीफे की मांग कर दी है। ट्रैक्टर चलाना भी खास रहा। इससे तीन नए संदेश भी दिए।
तेजस्वी ने रूपेश सिंह हत्याकांड को जोर-शोर से उठाया। वे क्राइम के साथ करप्शन के मुद्दे भी लगातार उठा रहे हैं। आज उन्होंने सरकार से फिर पूछा है कि मैट्रिक परीक्षा में हिंदी का प्रश्नपत्र लीक हुआ है या नहीं। प्रश्नपत्र लीक होने और शराबबंदी के बावजूद पुलिस छापे में करोड़ों की शराब जब्त होने को वे करप्शन से जोड़ रहे हैं। कल उन्होंने करप्शन के मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री को काली अर्थव्यवस्था का जनक तक बताया।
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आज तेजस्वी ने ट्रैक्टर चलाकर एक साथ तीन निशाने साधे। उन्होंने देशभर में चल रहे किसान आंदोलन से खुद कोे जोड़ा साथ ही बिहार के किसानों को भी जगाने की कोशिश की। राजद ने कहा कि जदयू-भाजपा ने बिहार के किसानों को मजदूर बना कर पलायन करने को मजबूर कर दिया है। बिहार के किसान का मन आज खेती से उचट गया है।
ट्रैक्टर चलाकर एक तीसरा संदेश भी तेजस्वी ने दिया। तीसरा संदेश है विपक्ष की आक्रामकता। यह तीसरा संदेश बहुत महत्वपूर्ण है। इसी से जनता का विक्षोभ किसी एक केंद्र के साथ जुड़ने लगता है, जो आगे जाकर बड़े आंदोलन में तब्दील हो जाता है।
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अरसे बाद ऐसा लग रहा है कि विपक्ष की आक्रामकता के आगे सत्तापक्ष कमजोर पड़ रहा है। राजद सड़क पर है और जदयू के सारे नेता बंद कमरे में व्यावहारिक समाजवाद के तत्व पर चर्चा कर रहे हैं।