विपक्षी बैठक से पहले ही राजनीति गरमाई, कल पूरे बिहार में प्रदर्शन
23 जून को विपक्षी बैठक से पहले ही राजनीति गरमाई, कल पूरे बिहार में प्रदर्शन। महागठबंधन में शामिल दलों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ की तैयारी।
23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बैठक से पहले ही बिहार की राजनीति गरमा गई है। कल 15 जून को पूरे बिहार में महागठबंधन में शामिल दल केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेंगे। बुधवार को राज्यभर में लाउडस्पीकरों से प्रचार किया गया। महागठबंधन में शामिल दलों ने अपनी जिला इकाइयों से कहा है कि केंद्र सरकार के खिलाफ कार्यक्रम में सारे कार्यकर्ता शामिल हों।
प्रदेश राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने बताया कि 15 जून को राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन में केन्द्र सरकार के जनविरोधी नीतियों, जातिगत जनगणना, महंगाई, बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग जैसे मुद्दों पर नारे लगेंगे। उन्होंने कहा कि संविधान- लोकतंत्र पर बढ़ते हमले, दलित -गरीबों, किसानों की आय दोगुनी करने, एमएसपी को कानूनी मान्यता प्रदान करने जैसे मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे।
भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि मोदी सरकार की 9 साल की तबाही-बर्बादी, कमरतोड़ महंगाई व चरम बेरोजगारी, संवैधानिक संस्थाओं के दुरूपयोग, उन्माद-उत्पात की राजनीति और दलित-गरीबों की आवास एवं खाद्यान्न योजना बंद करने की साजिश के खिलाफ जाति आधारित गणना कराने, किसानों की आय दुगुनी करने और बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर महागठबंधन के आह्वान पर कल 15 जून को प्रखंड मुख्यालयों पर आयोजित एक दिवसीय धरना का कार्यक्रम जोरदार होगा।
माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि ने कहा है कि धरना की सफलता के लिए राज्य के तमाम प्रखंडों में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने एकताबद्ध होकर सघन अभियान चलाया है. आज देश और सूबे की जनता महंगाई व बेरोजगारी से त्रस्त है. मोदी सरकार के नौ वर्षों में देश में आर्थिक विकास लगातार गिरावट में है. नोटबंदी, जीएसटी और लॉकडाउन के तिहरे प्रहारों और निजीकरण की नीतियों, कर्मचारियों की संख्या में कमी और कैजुअलाइजेशन ने बेरोजगारी और कीमतों को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है, लेकिन लोकसभा चुनावों से ठीक पहले मोदी सरकार एक बार फिर जीडीपी में वृद्धि का ढिंढोरा पीट रही है. मोदी सरकार का यह आत्म प्रचार जीडीपी में मामूली वृद्धि के अंतरिम आंकड़े और जीएसटी संग्रह में वृद्धि पर टिका हुआ है, जिसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है।
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