विश्व गुरु : प्रेस फ्रीडम में भारत 133 से गिरते-गिरते 161 वें पर पहुंचा
3 मई को विश्व प्रेस फ्रीडम डे है। आज प्रेस फ्रीडम इंडेक्स जारी हुआ। इसमें भारत 161 वें नबर पर है। 2022 में 150 वें नंबर पर था। 2016 में भारत 133 वें पर था।
3 मई को विश्व प्रेस फ्रीडम डे पर जारी प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत सात साल में 28 पायदान नीचे गिर कर 180 देशों की सूची में 161 वें नबर पर पहुंच गया है। भारत में मीडिया का हाल यह है कि वह अपनी कम होती आजादी की खबर को ही प्रमुखता से प्रकाशित करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। भारतीय मीडिया में इस खबर को प्रमुखता नहीं मिली है। रिपोर्टर विदाउट बॉर्डर ने बुधवार को प्रेस फ्रीडम इंडेक्स जारी किया। इंडेक्स के मुताबिक भारत से बेहतर स्थिति में पाकिस्तान है। वह 150 वें स्थान पर है, जबकि 2022 में वह 157 वें स्थान पर था। श्रीलंका ने भी अपनी स्थिति सुधारी है। इस वर्ष श्रीलंका 135 वें स्थान पर है, जबकि 2022 में वह 146 वें नंबर पर था। सबसे ऊपर नार्वे, आयरलैंड और डेनमार्क हैं।
2022 में प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में भारत 150 वें नंबर पर था। सिर्फ एक साल बाद 2023 में भारत 11 देशों से नीचे गिर कर 161 वें स्थान पर पहुंच गया है। यूट्यूबर ध्रुव राठी ने आंकड़ा जारी किया है, जिसमें भारत 2016 में 133 वें स्थान पर था। 2017 में 136 वें स्थान पर था। 2018 में 138 वें स्थान पर था। 2019 में 140 वें स्थान पर था। 2020 में 142 वें, 2021 में 142 वें तथा 2022 में 150 वें स्थान पर था। अब इस वर्ष भारत में प्रेस की आजादी कम होकर 161 वें स्थान पर पहुंच गई है।
World Press Freedom Index Rank of India
— Dhruv Rathee (@dhruv_rathee) May 3, 2023
2016 – Rank 133
2017 – Rank 136
2018 – Rank 138
2019 – Rank 140
2020 – Rank 142
2021 – Rank 142
2022 – Rank 150
2023 – Rank 161
Currently, North Korea is the last ranked country at Rank 180
भले ही बड़े मीडिया समूहोंं ने इस खबर को प्रमुखता नहीं दी है, लेकिन सोशल मीडिया में इसकी थोड़ी चर्चा हो रही है। वरिष्ठ पत्रकार श्रवण गर्ग ने तंज कसा-प्रेस की आज़ादी को इतने ऊँचे पायदान पर पहुँचाने का ‘गोदी मीडिया ‘ का यह क़र्ज़ देश की आने वाली पीढ़ियां कई दशकों तक नहीं उतार पाएगी। जय बजरंगबली। वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने कहा-नागरिकों को जानने का हक़ हासिल है। पत्रकारों को अभिव्यक्ति का। लोकतंत्र के बाक़ी तीन स्तंभों और नागरिकों के बीच की कड़ी का काम मीडिया करता है। इसीलिए बोलचाल में उसे चौथे खम्भे का दर्जा हासिल है। प्रैस/मीडिया की आज़ादी पत्रकारों की आज़ादी नहीं, वह नागरिकों की ही आज़ादी है।
प्रेस फ्रीडम डे पर बुधवार की सुबह हर दल के नेताओं ने प्रेस फ्रीडम डे की बधाई दी, लेकिन जब प्रेस की आजादी का सूचकांक जारी हुआ, उसके बाद कम नेता इस मुद्दे पर बोल रहे हैं।
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