वक्फ संशोधन बिल को जेपीसी ने मंजूरी दे दे दी है। एनडीए के घटक दलों द्वारा पेश 14 संशोधन स्वीकृत किए गए, जबकि विपक्ष के सारे संशोधनों को खारिज कर दिया गया। बिल को जेपीसी की मंजूरी दिए जाने पर विपक्षी दलों ने विरोध जताते हुए कहा कि जेपीसी मीटिंग में विपक्ष की बात नहीं सुनी गई। जेपीसी के चेयरमैन जगदंबिका पाल ने तानाशाही रवैया दिखाते हुए विपक्ष की आवाज दबाई।
जेपीसी के चेयरमैन भाजपा के जगदंबिका पाल ने कहा कि पिछले छह महीने में बिल पर हमने विस्तृत चर्चा की। सभीसदस्यों के संशोधनों पर विचार करते हुए 14 संशोधऩ स्वीकृत किए गए।
टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि जेपीसी के चेयरमैन ने तानाशाही रवैया अख्तियार किया। लगता है वे पहले से जय करके आए थे कि विपक्ष के संशोधनों का खारिज कर देना है। हमें और विपक्षा सदस्यों को बोलने तक नहीं दिया गया। जेपीसी के किसी भी नियम और प्रावधान का पालन नहीं किया गया। मनमानी करते हुए बिल को पारित कर दिया गया। यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्ला नदवी ने कहा कि देश के अल्पसंख्यक समुदाय के साथ यह सरासर भेदभाव है। संविधान की धज्जी उड़ाई गई। संसदीय प्रावधानों का पालन नहीं किया गया।
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जेपीसी अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान संसद के पटल पर रखेगी। जिस प्रकार विपक्ष की आवाज दबाई गई, एक भी संसोधन स्वीकार नहीं किए गए, उससे स्पष्ट है कि संसद में विपक्षी सदस्य बिल का पुरजोर विरोध करेंगे। खास बात यह कि वक्फ संशोधन बिल को जिस प्रकार जेपीसी ने क्लियर कर दिया, उसके खिलाफ सारे विपक्षी दल एकजुट दिखे।
जेपीसी द्वारा वक्फ संसोधन बिल को पारित किए जाने का कई अन्य संगठनों ने भी विरोध किया है।