वक्फ जायदाद आजादी के लिए आंदोलन- जौहर आजाद

वक्फ बोर्ड की छह लाख करोड़ की ज्यादाद में से अधिकतर पर नाजायज कब्जे और लूट खसोट के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की रुप रेखा तैयार हो रही है. गौरतलब है कि साश्वत कमेटी  की रिपोर्ट के अनुसार रक्षा व रेल मंत्रालय के बाद सेंट्रल व स्टेट वक्फ बोर्ड के पास सबसे बड़ी जायदाद है.

वक्फ जायदाद आजादी के लिए आंदोलन- जौहर आजाद

समान अधिकार मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जौहर आजदा ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया है कि भारत में मुसलमानों की हालत दलितों से भी बदतर है . यह सचर केमेटी की रिपोर्ट का सत्य है. लेकिन एक सत्य यह भ है कि मुफलिसी और बेबसी का जीवन  बिताने वाले मुसलमानों के पास छह लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की जायदाद है. ये तमाम जायादाद बिचौलियों, दलालों और माफियाओं के कब्जे में है. इन जायदाद को आजदा करा कर हम देश और खास कर बिहार के मुसलमानों की किस्मत बदल सकते हैं. उन्होंने कहा समान अधिकार मोर्चा वक्फ की जायदाद को आजाद कराने के लिए राज्य भर में  व्यापक आंदोलन की तैयारी कर रहा है. इसके पहले चरण में राज्य के तमाम मुस्लिम संगठनों को दस्तखत अभियान से जोड़ा जा रहा है. उसके बाद इसे जन आंदोलन का रूप दिया जायेगा और सरकार को मजबूर किया जायेगा कि वह वक्फ की जायदाद से नाजायज कब्जे हटा कर इसे मुसलमानों के हवाले करे.

अगर इन जादाद को आजाद करा दिया जाता है तो बिहार में कम से कम 25 राष्ट्रीय स्तर के मेडिकल कालेज,  खोले जा सकते हैं.

वक्फ की जायदाद कितनी

वक्फ की जायदात का अध्ययन करने के लिए 2011 में साश्वत कमेटी का गठन किया गया था. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि भारत में वक्फ की कुल प्रोपर्टी 6 लाख एकड़ की जायदाद है. यह जायदाद देश में सबसे ज्यादा भारतीय रक्षा मंत्रालय और रेल मंत्रालय के बाद तीसर बड़ा प्रोर्टी है.

कोलकाता में अकेल 62 हजार करोड़ क सम्पत्ति है. इसी तरह दिल्ली में दो हजार एकड़ जमीन है जिसकी कीमत 28 हजार करो़ड़ से ज्यादा की है. देश के छह मेट्रोपोलिटेन शहरों में डेढ़ लाख करोड़ की प्रोपर्टी वक्फ की है.

इसी तरह बिहार में सिर्फ बिहार सुन्नी वक्फ बोर्ड की रजिस्टर्ड प्रोपर्टी की संख्या 2600 है. बिहार स्टेट सुन्नी वक्फ बोर्ड का गठन 1948 में हुआ और उसको यह जिम्मेदारी दी गयी कि वह वक्फ की जायदाद की देख भाल और उसका उचित उपोयग हो सके. वक्फ बोर्ड इन जायदाद की देख भाल के लिए तमाम जिलों में मुतव्ली की नियुक्ति करता है.

 

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इन मुतवलिलियों के हवाले ही देख भाल का काम होता है. लेकिन पिछले सत्तर वर्षों में इन में से ज्यादातर मुतवल्लियों ने इन जायदादों से मिलने वाले किराये को लूट खसोट कर खा गये और यहां तक कि दर्जनों ऐसे मुतवल्ली हुए जिन्होंने वक्फ की जायदाद को नाजाजय तरीके से बेच दिया.

इसी तरह पटना में भी वक्फ की जायदाद पर नाजायज कब्जे करवाये गये. पटना की सबसे ज्यादा जमीनें सिटी इलाके में थीं जहां पर सैकड़ों एकड़ जमीन को लूट खसोट कर गायब कर दिया गया.

 

 

 

 

 

By Editor


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