सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन बिल की संवैधानिक वैधता को चुनौती देनेवाली याचिकाओं की सुनवाई करते हुए गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। पहला आदेश यह है कि जो भी संपत्ति वक्फ के तौर पर नोटिफाइड है, निबंधित या वक्फ के तौर पर उपयोग में लाई जाती है, उसे इस कानून के तहत छेड़ा नहीं जाएगा। तथा दूसरा कि जो वक्फ बोर्ड तथा सेंट्रल ऑफ काउंसिल के बारे में सरकार ने जो संशोधन किया है, वह फिलहाल लागू नहीं होगा। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सैदय कासीम रसूल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के ये दोनों फैसले राहत देने वाले हैं। खासकर पहला फैसला बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो राइडर लगया था उससे संदेह था कि बहुत सारी वक्फ की संपत्ति ले ली जाएगी, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है।
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले संगठनों ने अलग-अलग खुशी का इजहार किया है। विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी कोर्ट के फैसले पर संतोष जताया है। सोशल मीडिया में भी कोर्ट के फैसले की खूब चर्चा हो रही है। लोग इस बात से खुश हैं कि अब वक्फ की संपत्ति को डिनोटिफाइड नहीं किया जा सकेगा।
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, एआईएमआईएम के प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। बिहार में राजद ने भी फैसले पर खुशी जाहिर की है। कई लोगों को अंदेशा था कि कोर्ट में मामला लंबा खिंच सकता है और तबतक मुख्य न्यायाधीश अवकाश प्राप्त कर लेंगे। इस तरह मामला फंस जाएगा, लेकिन इतनी जल्दी फैसला आने से लोगों में खास खुशी देखी जा रही है।
उधर भाजपा खेमे में मायूसी देखी जा रही है। वक्फ संपत्ति पर नजर गड़ाए लोगों तथा हिंदू-मुस्लिम राजनीति को हवा देनेवाले हतप्रभ हैं।