प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि 70 साल से हम कम्यूनल सिविल कोड पर अमल कर रहे हैं, अब समय आ गया है कि सेकुलर सिविल कोड बनाया जाए। याद रहे सेकुलर शब्द से भाजपा को चिढ़ रही है। भाजपा समर्थक तो सेकुलर शब्द को संविधान से ही हटाने की मांग करते रहे हैं। अब उसी सेकुलर शब्द का सहारा प्रधानमंत्री को लेना पड़ा। यह भी ध्यान रखने की बात है कि प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में सरकार ने वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में पेश किया, लेकिन इस पर पूरी चर्चा भी नहीं हुई, उससे पहले ही सरकार ने इसे जेपीसी में भेजने का फैसला ले लिया। राजनीतिक क्षेत्र में इसे प्रधानमंत्री मोदी की कमजोरी तथा विफलता के रूप में देखा गया। इससे पहले मोदी सरकार ने किसी बिल को जेपीसी के पास नहीं भेजा। वक्फ संशोधन बिल पर हुई फजीहत के बाद सरकार अब सेकुलर सिविल कोड लाना चाहती है।

————

स्वतंत्रता दिवस समारोह में राहुल को पीछे की सीट, सरकार घिरी

————

समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद टीएस हसन ने कहा कि भाजपा की यूसीसी हो या सेकुलर सिविल कोड दोनों एक ही है। हम दोनों के खिलाफ हैं। मोदी सरकार इसके बहाने संविधान तथा आरक्षण को खत्म करना चाहती है। याद रहे प्रधानमंत्री ने यह नहीं बताया कि यूसीसी तथा सेकुलर सिविल कोड में क्या फर्क है। इसीलिए राजनीतिक हलके में इसे बदली हुई राजनीतिक स्थिति में नया नाम भर माना जा रहा है। चूंकि यूसीसी के नाम पर एनडीए में ही सहमति नहीं हो सकती, इसीलिए उसे सेकुलर नाम के साथ पेश किया गया। हालांकि सेकुलर सिविल कोड पर भी चूंकि एजेंडा वही पुराना है, इसलिए सहमति बननी मुश्किल है। भाजपा यूसीसी के नाम पर मुसलमानों को सिविल मामले में मिले धिकार को समाप्त करना चाहती है। लोग कह रहे हैं कि सेकुलर सिविल कोड का हाल भी वक्फ बिल जैसा ही होगा, क्योंकि भाजपा को खुद बहुमत नहीं है।

मैं सिर्फ मुसलमानों के मकान ध्वस्त करूंगा : DM

 

By Editor


Notice: ob_end_flush(): Failed to send buffer of zlib output compression (0) in /home/naukarshahi/public_html/wp-includes/functions.php on line 5427