वक्फ बिल पर विचार करने के लिए बनाई गई जेपीसी की पहली बैठक में ही सांसदों ने कई मुद्दों पर विरोध जताया है। बैठक की अध्यक्षता भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने की। विपक्षी सांसदों ने धार्मिक स्वतंत्रता, समानता के अधिकार और उसकी स्वतंत्रता का सवाल उठाया तथा मुस्लिमों की वक्फ संपत्ति पर सरकारी नियंत्रण का विरोध किया। कमेटी में जिलाधिकारी को शामिल करने पर भी विरोध जताया गया। मालूम हो कि मुस्लिम समाज के लोग अपनी संपत्ति वक्फ के लिए देते हैं, जिसका मकसद धार्मिक, सामाजिक कार्यों में मदद करना है। गरीबों की मदद करना है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक ए बिल में वक्फ संपत्ति पर विवाद होने की स्थिति में किस प्रकार विवाद को सुलझाना है, इस पर भी प्रावधान किया गया है, जिसका असर वक्फ की उन संपत्तियों पर होगा, जो विवाद में हैं। 30 राज्यों में 73196 वक्फ संपत्ति पर इसका असर होगा।
जेपीसी की पहली बैठक में कानून मंत्रालय से जुड़े अधिकारी भी मौजूद थे। जेपीसी में शामिल मुस्लिम सांसदों ने वक्फ ट्रिब्यूनल में स्थानीय जिलाधिकारी और गैर अल्पसंख्यक सदस्यों को शामिल करने का विरोध किया।
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याद रहे इस बिल को मोदी सरकार ने 8 अगस्त को संसद में पेश किया था। इंडिया गठबंधन के सदस्यों ने बिल का विरोध किया था। एनडीए में शामिल कुछ दलों ने भी विरोध किया था, जिसके बाद सरकार ने बिल पर विचार करने के लिए संयुक्त संसदीय समिति में इसे भेजने का निर्णय लिया। विधेयक पर समिति विस्तार से चर्चा करेगी। समिति सभी स्टेक होल्डर की बात सुनेगी। सभी 44 संशोधनों पर चर्चा होगी।
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