भारत और चीन के बीच युद्ध जैसी स्थिति क्यों है ?
शाहबाज़ की पड़ताल
भारत और चीन के बीच LAC (Line of Actual Control) पर लगातार बढ़ते तनाव के बीच दोनों देशो में युद्ध जैसी स्थिति अभी भी बनी हुई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोक सभा एवं राज्य सभा में कहा कि चीन ने भारत की 38000 SqKm भूमि पर अनधिकृत कब्ज़ा किया हुआ है. आइए कम शब्दों में जान लें की एशिया की दो महाशक्तियों भारत और चीन के बीच युद्ध जैसी स्थिति क्यों बनी हुई है.
भारत-चीन विवाद की वजह क्या है ?
दरअसल भारत-चीन विवाद की जड़ दोनों देशो के बीच 3440 km लम्बी सीमा है. इस सीमा को Line of Actual Control (LAC) कहा जाता है. यह सीमा समतल भूमि पर नहीं है बल्कि इसमें झील, नदियां, और पहाड़ियां है. चूँकि यह सीमा ऐसी जगहों से होकर गुज़रती है जहाँ पर विभिन्न उपायों से भी इसे ठीक से चिन्हित नहीं किया जा सकता है. इसकी वजह्कर भारत-चीन के बीच विवाद है. इसलिए जब दोनों देशो के सैनिक सीमा पर नज़र रखने के लिए पेट्रोलिंग करते है और कभी कभी आमने सामने आ जाते है. इससे छोटी झड़पों से लेकर हिंसक झड़प होने की सम्भावना बनी रहती है.
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वजहें जिससे विवाद बढ़ता चला गया
जम्मू और कश्मीर का विभाजन
भारत सरकार ने 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू और कश्मीर का विभाजन करके इसे दो केंद्रशासित प्रदेश (Union Territory) बदल दिया। जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख। इससे इन क्षेत्रों का शासन प्रबंध का अधिकार सीधे भारत की केंद्र सरकार के पास चला गया. इन क्षेत्रों से भारत के दो पडोसी देश चीन और पाकिस्तान की सीमा भी गुज़रती है इसलिए दोनों देशो ने इसे भारत के इस कदम को आशंका के साथ देखा। और फिर अगले साल 2020 में LAC पर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की होड़ लगी जिससे तनाव बढ़ा.
LAC पर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की होड़
भारत- चीन के बीच LAC पर इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने की होड़ लगी है. दोनों देश एक दुसरे से आगे निकलना चाहते है क्यूंकि ये क्षेत्र सामरिक रूप से महत्वपूर्ण (Strategically Important) है. जिसकी वजह्कर विवाद आगे बढ़ता चला गया और 15 जून को दोनों देशो के जवानो के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमे भारत के 20 जवान शहीद हो गए वही चीन को भी नुक्सान हुआ. हालांकि चीनी सरकार ने नुक्सान पर आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा.
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अभी स्थिति कितनी गंभीर है ?
भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अनुसार अप्रैल महीने से Eastern Ladakh की सीमा पर चीन की सेनाओं की संख्या तथा उनके armaments में वृद्धि देखी गई. मई महीने की के प्रारंभ में चीन ने गलवान घाटी क्षेत्र में हमारी troops के normal, traditional patrolling pattern में व्यवधान शुरू किया जिसके कारण face-off की स्तिथि उत्पन्न हुई. बता दें इसके बाद जून में गलवान घाटी में हिंसक झड़प हो गयी. यह 1975 के बाद दोनों देशो के जवानो के बीच पहली हिंसक झड़प थी.
अगस्त में भारत ने चीन पर उकसावे वाली कार्रवाई करने का आरोप लगाया। चीन ने इंकार करते हुए भारत के ऊपर ही आरोप लगाया। फिर सितम्बर महीने में भारत-चीन दोनों ने एक दुसरे पर फायरिंग करने का आरोप लगाया। हालांकि 1996 के एक समझौते के अनुसार बॉर्डर पर बंदूकों और बमो कर प्रयोग प्रतिबंधित है.
आगे क्या होगा ?
बता दें की भारत-चीन के बीच 1962 में युद्ध हुआ है. हालांकि भारत इस विवाद का शांतिपूर्ण हल निकलने का पक्षधर है. रक्षा जानकारों के मुताबिक अभी LAC पर जो स्थिति बनी हुई है उसमे कभी भी कुछ भी हो सकता है. लेकिन कोरोना काल में दोनों देशों के अर्थवयवस्था पर बुरा असर पड़ा और युद्ध की स्थिति में दोनों देशो को बहुत नुक्सान हो सकता है. इसलिए शांतिपूर्ण वार्ता ही विकल्प है.
क्या है पाकिस्तान का गेम ?
भारत-चीन विवाद पर पाकिस्तान फिलहाल चुप है. हालांकि पाकिस्तान को चीन का हरमौसम दोस्त (All Weather Friend) भी कहा जाता है. कुछ रक्षा जानकार मानते है कि पाकिस्तान के उकसावे पर ही चीन ने LAC पर अपनी गतिविधियां बढ़ाई है. इसलिए भारत को युद्ध से बचना चाहिए क्यूंकि ऐसा भी हो सकता है कि भारत को चीन और पाकिस्तान से एक साथ लड़ना पड़े. हालांकि भारतीय सेना के उत्तरी कमांड ने कहा है कि भारत चीन के साथ पूर्ण रूप से युद्ध की स्थिति के लिए तैयार है और चीनी सेना को ऊँची पहाड़ियों पर युद्ध लड़ने का उतना अनुभव नहीं है.