World Stroke Day : एक मिनट भी देर न करें : डॉ. जेड आजाद

आज World Stroke Day है। पटना के मेडाज अस्पताल के डायरेक्टर व न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जेड आजाद ने कहा स्ट्रोक होने पर एक मिनट की भी देर न करें।

आज अंतरराष्ट्रीय स्ट्रोक डे के अवसर पर पटना के मेडाज अस्पताल के निदेशक और चीफ कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. जेड आजाद ने कहा कि स्ट्रोक को कभी हल्के में न लें, वरना जीवन भर आदमी अपंग हो सकता है। ऐसा होने पर एक-एक मिनट कीमती होता है। सही समय पर अगर आप विशेषज्ञ के पास पहुंचते हैं, तो आप फिर से स्वस्थ हो सकते हैं। स्ट्रोक को बोलचाल की भाषा में लकवा भी कहते हैं। इसमें शरीर का कोई अंग शिथिल हो जा सकता है, चेहरा टेढ़ा हो सकता है और आदमी कई बार अपनी आजीविका कमाने के लायक नहीं रह जाता है। गंभीर स्टोक होने पर जान को भी खतरा हो सकता है।

डॉ. जेड आजाद ने कहा- विश्व स्ट्रोक डे पर इस बार की थीम है-मिनट्स कैन सेव लाइफ। इसका अर्थ हुआ कुछ मिनट आपके जीवन को बचा सकते हैं। अर्थात स्ट्रोक होने पर एक मिनट की भी देरी न करें। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक होने पर चूंकि कोई दर्द नहीं होता, इसलिए लोग इसे गंभीर नहीं मानकर नीम हकीम के पास चले जाते हैं। नतीजा होता है कि आदमी जीवन भर के लिए अंपग हो सकता है। कई बार जान भी चली जाती है।

विश्व स्ट्रोक डे के अवसर पर लोगों को जागरूक करने के लिए बिस्कोमान कॉलनी, गायघाट पर मेडाज अस्पताल परिसर में मुफ्त जागरूकता एवं चिकित्सा शिविर लगाया गया। आज पटना के अलावा बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज सहित राज्य के छह जिलों में ऐसे कैंप लगाए गए।

डॉ. जेड आजाद ने बीमारी के बारे में बताया कि स्ट्रोक होने पर मस्तिष्क की हजारों कोशिकाएं हर मिनट मरने लगती हैं। अगर मरीज को साढ़े चार घंटे के भीतर स्ट्रोक सेंटर पहुंचा दिया जाए, तो मरीज की जान के साथ ही आजीवन अपंगता से भी बचाया जा सकता है।

इस मौके पर डॉ. जेड आजाद के साथ डॉ. अतिकुर रहमान, डॉ. जफर कमाल, और डॉ. राजीव रंजन मिश्रा भी उपस्थित थे, जिन्होंने बीमारी के बाद होने वाली परेशानियों से बचाव और इलाज के संबंध में जानकारी दी। मेडाज अस्पताल में स्ट्रोक के इलाज के लिए एक पूरी टीम काम करती है।

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