अरबों की मिलकियत वाला खादिमुल इस्लाम का संवरेगा भविष्य
अरबों रुपये की जायदाद की मिलकियत वाला पटना सिटी का खादिमुल इस्लाम यतीम खाना ( Khadimul Islam). जीर्ण-शीर्ण हाल में है. इसे सक्रिय बनाने की कोशिश के परिणाम अब दिखने लगे हैं.
पिछल एक महीने से इस ऐतिहासिक यतीम खाने ( Yateem Khana Anjuman Khadimul Islam) की मैनेजिंग कमेटी बेजान पड़ी है. पढने वाली बच्चियां नहीं हैं. स्टाफ की तन्ख्वाहें नहीं दी जाती. लेकिन अब जिस संवेदनशीलता से इस यतीम खाने को पुनर्गठित करने की कोशिश हो रही है उससे उम्मीद जगी है कि अब इसके अच्छे दिन जरूर लौटने वाले हैं.
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पिछले दिनों गवर्निंग काउंसिल की 50 सदस्यीय टीम का चुनाव हुआ था. इसके बाद 21 मार्च को संस्था के सचिव व अध्यक्ष समेत तमाम पदों पर चुनाव होना था. इस सिलसिले में एक बैठ का आयोजन भी इस कैम्पस में हुआ. बैठक में कुछ लोगों को गवर्निंग काउंसिल के सदस्यों के नामों पर आपत्ति थी. उधर 50 में से 17 सदस्य गैरहाजिर थे. लिहाजा यह तय हुआ कि असंतुष्ठ लोगों का भी विश्वास हासिल किया जाये.
आज की बैठक में फैसला हुआ कि गवर्निंग काउंसिल में थोड़ा रद्दोबदल किया जाये. तमाम विवाद और खीचतान के बाद इस बात पर आज सर्वसम्मति बन गयी कि इस इदारे को पुनर्गठित करके इसे सुचारू रूप से चलाया जाये.
आज की बैठक में कंवेनर व एडिशनल एडवोकेट जनरल खुर्शीद आलम के अलावा ख्वानकाह मुनैमिया के सज्जादानशीन शमीम मुनैमी, पूर्व मेयर अफजल इमाम, डा. आसिफ रजा, जफर इमाम, इबरार रजा, मोहम्मद मुन्ना, अली इमाम भारती, एडवोकेट मजीद, नौकरशाही डॉट के एडिटर इर्शादुल हक, पत्रकार जावेद अहमद, एडवांटेज सर्विसेज के डायरेक्टर खुरशीद अहमद, पत्रकार शिजान निजामी, डा. जरीं रहमान समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शामिल हुए.
चार अप्रैल को होगी अगली बैठक
बैठक में मौलाना शमीम मुनैमी, अफजल इमाम और खुर्शीद आलम को इस बात के लिए अधिकृत किया गया कि वे 50 सदस्यी गवर्निगं काउंसिल तमाम स्टेकहोल्डर्स की नुमांदगी को बैलेंस करने की दिशा में कदम उठायें.
यह बैठक 4 अप्रैल को खादिमुल इस्लाम के परिसर में होगी.
गवर्निंग काउंसिल की बैठिक में कुछ नोक-झोंक व विवाद की स्थिति को देखते हुए पूर्व मेयर अफजल इमाम ने प्रस्ताव रखा कि कुछ नये सदस्यों को शामिल करने के लिए थोड़ा समय दिया जाना चाहिए. उनके इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया.
इस अवसर पर शमीम मुनैमी ने कहा कि गुजिश्ता तीस वर्षों से यतीमों के लिए बने इस इदारे में कई तरह की खामियां रहीं जिसके कारण यह पतन की गर्त में चला गया. उन्होंने उम्मीद जताई कि नयी काउंसिल के गठन के बाद न सिर्फ यह इदारा सही संचालित होगा बल्कि इस इदारे को बर्बाद करने वालों की जिम्मेदारियां भी तय होंगी.
22 एकड़ भूभाग में फैला है इदारा
गौरतलब है कि ऐतिहासिक यतीम खाना खादिमुल इस्लाम, कश्मीरी कोठी, पटना सिटी करीब 22 एकड़ भूभाग में फैला है. इसका उद्देश्य अनाथ बच्चियों को शिक्षा तथा प्रशिक्षण के साथ पालन पोषण करना है. इसके तहत मदरसा, स्कूल व इंटर कालेज के अलावा विवाह भवन संचालित होते हैं.
इदारा सोसाइटी रजिस्ट्रेशन एक्ट 1860 के तहत पंजीकृत है और इसके पास एफसीआरए का सर्टिफिकेट भी है. अगर इदारा की मैनेजिंग कमेटी पूरी सक्रियता से काम करे तो यह कोरोड़ों रुपये के बजट का काम कर सकता है. लेकिन विगत दशकों में इस इदारे की मैनेजिंग कमेटी के प्रति लोगों में भारी नाराजगी है.
हालांकि जिस तरह से इस इदारे के संचालन के लिए लोगों में गंभीरता आयी है उससे लगता है कि खादिमुल इस्लाम अपने दयनीय अतीत से बाहर निकल कर नयी बुलंदिया हासिल करेगा.