उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उर्दू भाषा को लेकर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई। विधानसभा में मुख्यमंत्री योगी ने सपा पर हमला करते हुए कहा कि आपलोग अपने बच्चों को अंग्रेजी पढ़ाते हैं और दूसरों को कहते हैं उर्दू पढ़ो। उर्दू पढ़ाकर आप मौलवी बनाना चाहते हैं। यह कठमुल्लों की भाषा है। इसके बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने तंज कसा है। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने धारदार विरोध किया।
दरअसल कल से उप्र विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ। इस बार हिंदी के साथ ही अवधी, भोजपुरी, बृज तथा अंग्रेजी में भी बोलने की व्यवस्था की गई है। इस पर विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि सभी भाषाओं को मौका देना ठीक है। उर्दू में भी बोलने की सुविधा दीजिए। उर्दू भी भाषा है। इसी पर मुख्यमंत्री ने तीखे अंदाज में जवाब देते कहा कि आप लोग मौलवी बनाना चाहते हैं।
सपा प्रमुख अखिलेख यादव ने कहा कि योगी भी बनिए, मौलवी भी बनिए। अच्छा योगी बनिए। खराब योगी मत बनिए।
उधर कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी ने गजब जवाब दिया। कहा कि जिस उर्दू की मुहब्बत में राम प्रसाद “बिस्मिल” हो गये, जिस उर्दू की मुहब्बत में रघुपति सहाय “फ़िराक़ गोरखपुरी” हो गये। बृजनारायण “चकबस्त” हो गये, पं हरिचंद “अख़्तर” हो गये, सम्पूर्ण सिंह कालरा “गुलज़ार” हो गये। जिस उर्दू में भगत सिंह ख़त लिखा करते थे, जिस उर्दू को ख़ुद गॉंधी जी हिंदुस्तानी भाषा कहते हैं, जिस भाषा से नेहरू और पटेल ने प्यार किया। जिस भाषा ने इंकलाब ज़िंदाबाद का नारा दिया, जिस भाषा ने जय हिंद का नारा दिया, जिस भाषा में मुहब्बत और बग़ावत के गीत गाये गये, आज एक सूबे के मुखिया उसी भाषा को कठमुल्ला की भाषा कह रहे हैं।
उन्हें कोई बताये कि उर्दू ‘कठमुल्ला’ की नहीं बल्कि आनंद नारायण ‘मुल्ला’ की ज़बान है।
मुल्ला’ बना दिया है इसे भी महाज़-ए-जंग इक सुल्ह का पयाम थी उर्दू ज़बाँ कभी।
-आनंद नारायण मुल्ला