यूरोपीय संघ की संसद के सदस्यों का एक शिष्टमंडल मंगलवार को जम्मू कश्मीर के दौरे पर जायेगा। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाये जाने के बाद और राज्य के दो केन्द्र शासित प्रदेशों में विभाजन के बाद किसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के सदस्यों की क्षेत्र की यह पहली यात्रा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को यहां शिष्टमंडल के सदस्यों के साथ मुलाकात के दौरान शिष्टमंडल की जम्मू कश्मीर यात्रा की पुष्टि की। बातचीत के दौरान श्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद को बढावा देने वालों और आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने वालों के खिलाफ तत्काल कदम उठाये जाने की जरूरत है। पाकिस्तान का नाम लिये बिना उस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आतंकवाद को एक नीति के रूप में इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार श्री मोदी ने यूरोपीय संघ के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मसलों पर सार्थक बातचीत पर बल देते हुए आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यापक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के वैश्विक साझेदारी के रूप में उभरने का भी उल्लेख किया।
श्री मोदी ने शिष्टमंडल का स्वागत करते हुए उम्मीद जतायी कि जम्मू कश्मीर सहित देश के विभिन्न हिस्सों की उनकी यात्रा सार्थक रहेगी। जम्मू कश्मीर की यात्रा से शिष्टमंडल को लद्दाख सहित समूचे क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के बारे में जानकारी मिलेगी और इस बारे में उनकी समझ बढेगी। साथ ही शिष्टमंडल को क्षेत्र में विकास तथा शासन के बारे में सही तस्वीर भी देखने का मिलेगी।