बिहार पुलिस को केरल के वैज्ञानिक दे रहे साइबर क्राइम से निबटने की ट्रेनिंग

बिहार पुलिस को केरल के वैज्ञानिक दे रहे साइबर क्राइम से निबटने की ट्रेनिंग

बिहार पुलिस को केरल के वैज्ञानिक दे रहे साइबर क्राइम से निबटने की ट्रेनिंग। पुलिस उपमहानिरीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने दी जानकारी।

तेजी से बढ़ते साइबर क्राइम से निबटने के लिए पहले बिहार पुलिस ने राज्य में 44 साइबर थाने बनाए। इनमें तेज-तर्रार पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम की ट्रेनिंग देकर नियुक्त किया गया, लेकिन वह प्रशिक्षण काफी नहीं है। अब राज्य पुलिस ने भारत सरकार की प्रोफेशनल एजेंसी C-DAC तथा केरल के तिरुअनंतपुरम के साइबर क्राइम विशेषज्ञ तथा वैज्ञानिकों के साथ समझौता किया है। सी-डैक तथा केरल के वैज्ञानिक और प्रशिक्षक बिहार पुलिस के साइबर थानों में नियुक्त पुलिस पदाधिकारियों तथा पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं। ट्रेनिंग की शुरुआत सोमवार 11 सितंबर से हो चुकी है।

बिहार पुलिस के उप महानिरीक्षक (आर्थिक अपराध इकाई) मानवजीत सिंह ढिल्लों ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि साइबर क्राइम नया और उभरता हुआ क्राइम का आयाम है। अब बड़ी संख्या में साइबर क्राइम की घटनाएं हो रही हैं। इसे देखते हुए बिहार पुलिस ने राज्य में 44 साइबर थानों की स्थापना की। यहां नियुक्त पदाधिकारियों और कर्मियों को सी-डैक तथा केरल के वैज्ञानिक विशेष ट्रेनिंग दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस बाद में सामान्य थानों में नियुक्त पुलिस पदाधिकारियों को भा साइबर क्राइम से निबटने की ट्रेनिंग देगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल राज्य के 290 पुलिस पदाधिकारियों को यह विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि बढ़ते साइबर क्राइम को कंट्रोल किया जा सके।

पुलिस उपमहानिरीक्षक (आर्थिक अपराध) ने बताया साइबर अपराधियों द्वारा अपनाये जा रहे अपराध की विभिन्न शैलियों, उसकी विवेचना एवं संगठित गिरोहों पर त्वरित कार्रवाई हेतु Cyber Intelligence Unit की स्थापना की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य के आम नागरिकों को भी साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करने का काम लगातार किया जा रहा है।

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