कांग्रेस में खड़गे की जीत सिर्फ आंतरिक मामला न रही, फंस गई BJP

ऐसा कम होता है कि किसी एक दल के आंतरिक मामले से दूसरा दल परेशानी में पड़ जाए। ऐसा ही हो रहा है। कांग्रेस में चुनाव हुआ, सवालों की बौछार भाजपा पर।

कुमार अनिल

कांग्रेस में दो दिन पहले अध्यक्ष के लिए मतदान हुआ। आज परिणाम आ गया। मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। पूरी चुनाव प्रक्रिया भी पारदर्शी रही। कहीं कोई हंगामा नहीं। दूसरे प्रत्याशी केरल के सांसद शशि थरूर को भी हजार से ज्यादा वोट मिले। आम तौर से किसी पार्टी के भीतर का चुनाव उसका अंदरूनी मामला होता है और दूसरे दल पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कांग्रेस ने अपने अध्यक्ष के चुनाव को आंतरिक मामला नहीं रहने दिया, बल्कि इसे दलों के भीतर लोकतंत्र का सवाल बना दिया। खुद राहुल गांधी ने प्रेस से बात करते हुए कहा कि कोई भाजपा से क्यों नहीं पूछता कि उनके दल में चुनाव क्यों नहीं होता।

कांग्रेस अब पहले वाली कांग्रेस नहीं रही। उसके तमाम नेता भाजपा पर सवाल कर रहे हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करनेवाली भाजपा में चुनाव क्यों नहीं होता। जब पार्टी के भीतर ही लोकतंत्र नहीं है, तो साफ है कि भाजपा लोकतांत्रिक मूल्यों की दुश्मन है। सोशल मीडिया पर लगातार भाजपा और संघ से सवाल किए जा रहे हैं कि नैतिकता, संस्कार की बात करनेवाली भाजपा और संघ में चुनाव क्यों नहीं होता। इस सवाल का जवाब देने अभी तक कोई नहीं आया। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा तक चुप हैं। भाजपा के ट्विटर हैंडल पर सन्नाटा छाया है।

कांग्रेस में जश्न का माहौल है। खड़गे के निर्वाचन को कांग्रेस ने भाजपा पर हमले का औजार बना दिया है। सोशल मीडिया पर भी खड़गे का चुनाव छाया है। अरसे बाद ट्विटर पर #Mallikaarjunkharge टॉप ट्रेंड कर रहा है।

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