बंगाल में कांग्रेस के साथ नहीं होगा कोई समझौता : ममता
बंगाल में कांग्रेस के साथ नहीं होगा कोई समझौता : ममता। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा बंगाल में उनकी पार्टी अकेले लड़ेगी लोकसभा चुनाव।
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बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि बंगाल में कांग्रेस के साथ कोई समझौता नहीं होगा। उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। बंगाल में लोकसभा की कुल 42 सीटें हैं। 2019 लोकसभा चुनाव में टीएमसी को 22 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि भाजपा को 18 क्षेत्रों में सफलता मिली थी। कांग्रेस के खाते में सिर्फ दो सीटें गई थीं।
ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा तब कि है, जब कल राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा बंगाल में प्रवेश करेगी। राहुल गांधी बुधवार को असम के धुबरी जिले में यात्रा कर रहे हैं। इसके बाद बंगाल शुरू होता है। ममता बनर्जी के एलान के बाद स्पष्ट हो गया है कि वे खुद भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ नहीं चलेंगी और अब टीएमसी के कोई प्रमुख नेता भी न्याय यात्रा में शामिल नहीं होंगे। हालांकि असम में राहुल गांधी की सभा और प्रदेश के विपक्षी दलों की बैठक में टीएमसी भी शामिल थी। याद रहे ममता बनर्जी पहले भी कह चुकी हैं कि बंगाल में इंडिया गठबंधन नहीं रहेगा। बंगाल के बाहर गठबंधन रहेगा।
मालूम हो कि वाम दल पहले ही घोषित कर चुके हैं कि वे ममता बनर्जी तथा भाजपा दोनों के खिलाफ हैं, इसलिए वे अलग चुनाव लड़ेंगे। अब ममता बनर्जी के बयान के बाद बंगाल में दुविधा की स्थिति यह हो गई है कि क्या टीएमसी कांग्रेस की जीती हुई दो सीटों पर भी प्रत्याशी देगी। इनमें एक सीट पर अधीर रंजन चौधरी होंगे। चौधरी ममता बनर्जी के खिलाफ हमेशा खुल कर बोलते रहे हैं।
हालांकि ममता के अलग लड़ने से यह नहीं कहा जा सकता कि इंडिया गठबंधन को नुकसान और भाजपा को फायदा होगा। भाजपा को 2014 में सिर्फ दो सीटेें मिली थीं। तब कांग्रेस तथा वाम दलों को भी दो-दो सीटें मिली थीं। अकेले टीएमसी ने 42 में 34 सीटों पर जीत दर्ज की थी। 2019 के चुनाव में भाजपा के दो से 18 सीट जीतने की वजह यह थी कि लेफ्ट का वोट भाजपा में गया था। इस बार क्या होगा, कहा नहीं जा सकात, लेकिन हाल के दिनों में लेफ्ट मजबूत होता दिखा है। अगर उसका वोटर भाजपा से वापस आया, तो भाजपा को नुकसान हो सकता है।
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