राहुल 14 जनवरी से निकालेंगे न्याय यात्रा, 14 राज्यों में जाएंगे

राहुल 14 जनवरी से निकालेंगे न्याय यात्रा, 14 राज्यों में जाएंगे। पहले भारत जोड़ो, अब न्याय यात्रा। दोनों में बड़ा फर्क। भाजपा को घेरने की नई रणनीति।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 14 जनवरी, 2024 से भारत न्याय यात्रा शुरू करेंगे। मणिपुर से यह यात्रा शुरू होगी, जिसे पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हरी झंडी दिखा कर रवाना करेंगे। यात्रा 14 राज्यों के 85 जिलों से होकर गुजरेगी। इसका समापन 20 मार्च को मुंबई में होगा। 6200 किमी लंबी यात्रा में इस बार नए मुद्दे हैं। पिछली बार भारत जोड़ो यात्रा था, इस बार न्याय यात्रा होगी। इसका अर्थ है कि न्याय के लिए संघर्ष पर जोर होगा। पहले से देश के विभिन्न तबके न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। यात्रा में उन सबको साथ लेने की कोशिश होगी।

भारत न्याय यात्रा की घोषणा बुधवार को नई दिल्ली स्थिति कांग्रेस मुख्यालय में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपल तथा जयराम रमेश ने की। जिन 14 राज्यों से होकर यात्रा गुजरेगी वे हैं -मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र।

पार्टी के कम्युनिकेशन हेड जयराम रमेश ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने तीन मुद्दे उठाए थे। उन्होंने आर्थिक विषमता के मुद्दे को उठाया था, सामाजिक ध्रुवीकरण के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई थी और राजनीतिक तानाशाही —जो आज देश की हक़ीक़त बन गई है—उसके बारे में लोगों को अवगत कराया था। वह यात्रा मन की बात करने के लिए नहीं बल्कि जनता की चिंता थी। राहुल गांधी ने यात्रा के दौरान लोगों की समस्याओं को सुना था। अब शुरू होने जा रही भारत न्याय यात्रा-आर्थिक न्याय के लिए, सामाजिक न्याय के लिए और राजनीतिक न्याय के लिए है। इसका उद्देश्य लोकतंत्र को बचाना है, संविधान को बचाना है, और महंगाई और बेरोज़गारी से जो करोड़ों पीड़ित परिवार हैं उनमें उज्जवल भविष्य का भरोसा जगाना है। पहले भारत जोड़ो यात्रा भारत को जोड़ने के लिए निकाली गई थी। अब भारत न्याय यात्रा लोगों को कांग्रेस पार्टी की ओर से, राहुल गांधी की ओर से यह आश्वासन देने के लिए है कि आम लोगों को आर्थिक न्याय, सामाजिक न्याय और राजनीतिक न्याय पूर्ण रूप से उपलब्ध हो इसके लिए कांग्रेस पार्टी वचनबद्ध है।

कांग्रेस की इस नई रणनीति का जवाब भाजपा कैसे देती है यह देखना है। माना जा रहा है कि वह राम मंदिर के मुद्दे पर जोर देगी, वहीं राहुल गांधी न्याय के लिए संघर्ष का बिगुल फूकेंगे।

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By Editor


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