कल Zeenews के एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी ने ट्विटर पर जानकारी दी कि उनके संस्थान के 28 लोग कोरोना संक्रमण के शिकार पाये गये हैं.
इस संक्रमण की शुरुआत जी न्यूज में काम करने वाले एक अधेड़ उम्र के पत्रकार से हुई जिन्हें नियमित रूप से नाइट शिफ्ट में ड्युटी करनी पड़ती थी. वे कई दिनों से सर्दी, खांसी से पीडि़त थे.
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लेकिन काम से फुर्सत नहीं मिलने के कारण वह आराम नहीं कर पा रहे थे. लेकिन एक दिन जब उन्हेनों खुद से टेस्ट करवाया तो कोरोना पोजिटिव निकले.
इस खबर के बारे में न्यूज लांडरी ने बताया है कि इसकी सूचना उन्होंने अपने व्हाट्सऐप ग्रूप में डाल दी जिसके बाद हडकम्प मच गया.
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जी न्यूज प्रबंधन ने इस खबर के बाद उक्त पत्रकार के सम्पर्क में आये 51 लोगों की जांच करवाई तो 28 पोजििटव निकले.
कोरोना संक्रमण की पहली सूचना सुधीर चौधरी ने अपनेट ट्विटर हैंडल पर 15 मई को दी और कहा कि इस कारण डीएनए का शो अब कहीं अलग छोटे से स्टुडियो से हुआ करेगा.
ऐसे में बड़ा सवाल यह पूछा जा रहा है कि एडिटर इन चीफ सुधीर चौधरी को जब 15 को ही पता चल गया कि कोरोना का संक्रमण स्टुडियो तक पहुंच चुका है तो उन्होंने इसके बावजूद अपने सहकर्मियों को आफिस आ कर काम करने के लिए धमकी का भी सहारा लिया. इस धमकी के कारण पत्रकार अपनी नौकरी से हाथ न धोने की मजबूरी में दफ्तर आते रहे और कोरोना के शिकार होते रहे.
ऐसे में सुधीर चौधरी, जिसने पिछले दिनों जमातियों के ऊपर कोरोनो संक्रमण का सारा गुनाह मढ़ने का इल्जाम लगा कर देश में मुसलमानों के खिलाफ नफरत का जहर बोया था. उब उसी सुधीर चौधरी का नाम अपने कर्मियों के बीच कोरोना फैलाने में नाम आ रहा है.
अगर चौधरी ने सरकार के उस आदेश पर अमल किया होता जिसमें कहा गया है कि वर्क फ्राम होम को लागू किया जाये, तो जी न्यूज के कोई तीन दर्जन लोग कोरोना पोजिटिव के शिकार नहीं होते.