बीएसएससी इंटरस्तरीय संयुक्त परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में बिहार कर्मचारी चयन आयोग की विश्वस्नीयता पर सवाल खड़ा हो गया है. ऐसे में अगर परीक्षा रद नहीं कया जाता है तो आयोग को और अपमानित होना पड़ेगा.
गौरतलब है कि रविवार को राज्य भर में साढे चार लाख प्रतियोगियों ने परीक्षा दी थी. परीक्षा शुरू होने से दो घंटे पहले ही व्हाट्सएप पर प्रश्न और उत्तर लीक हो गये. लीक हुए प्रश्नों को परीक्षा के प्रश्नपत्रों से मिलान करने के बाद अब स्प्ष्ट हो चुका है कि लीक हुए प्रशनपत्र परीक्षा में आये प्रश्नपत्रों के चार सेटों में से एक से मेल खाते हैं. हालांकि बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग(बीएसएससी) के सचिव प्रमेश्वर राम ने प्रश्न पत्र लीक होने की बात से इनकार किया.
इस मामले में याद रखने की बात यह है कि पुलिस ने परीक्षा के तीन दिन पहले ही प्रश्नपत्र लीक करने वाले एक गिरोह को पकड़ा था. तभी से पुलिस, उनकी निशानदेही पर इस मामले को गंभीरता से ले रही थी.
प्रतियोगिता परीक्षाओं में अक्सर ऐसे मामले सामने आते रहे हैं. पिछले वर्ष मेडिकल प्रवेश परीक्षा में भी प्रश्नपत्र लीक होने की बात सामने आयी थी. लेकिन बाद में पता चला कि लीक किये गये प्रश्न, परीक्षा में आये प्रश्नों से मेल नहीं खाये. और फिर उस परीक्षा को रद नहीं की गयी. लेकिन बीएसएसी की परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने की बात अब लगभग पक्की तरह से साबित हो चुकी है.
ऐसे में कर्माचारी चयन आयोग को अपनी हठधर्मिता बंद करनी चाहिए और इस परीक्षा को रद्द कर देना चाहिए. साथ ही इस पूरे पाप में शामिल अधिकारियों, कर्मियों और बाहरी माफियाओं की पहचान कर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए.