लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज: अधूरा रहा सपना

स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला मौका था जब एक मुस्लिम लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज सेना प्रमुख बन सकते थे. लेकिन शनिवार को उनसे जूनियर बिपिन रावत को इस पद के लिए नियुक्त कर दिया गया. इस तरह अब तक 26 सेना प्रमुखों की सूची में एक भी मुस्लिम नाम नहीं आ सका.

लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज: अधूरा रहा सपना
लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज: अधूरा रहा सपना

इर्शादुल हक, एडिटर नौकरशाही डॉट कॉम

लेफ्टिनेंट जनरल जैसे ऊंचे पदों  तक मुसलमानों का पहुंचना अपने आप में एक रेयर  घटना है. लेकिन केरल के कोजीकोजीकोडे जिले के चेरुअप्पा गांव के पी मोहम्मद अली के बेटे पीएम हारिज का चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनने का सपना धरा का धरा रह गया. पीएम हारिज पिछले 16 सितम्बर को दक्षिणी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ बनाये गये थे.

भारतीय सेना में किसी वरिष्ठ अधिकारी को सुपरसीड करके जूनियर अधिकारी को सेना प्रमुख या चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाने का यह पहला मामला नहीं है. इसी तरह देश की नौकरशाही में भी कई जूनियर अफसरों को, सीनियर अफसरों को सूपरसीड कर के कैबिनेट सेक्रेटरी, होम सेक्रेटरी, चीफ सेक्रेटरी जैसे पदों पर नियुक्त कर दिया जाता है.

लेकिन लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत को दो वरिष्ठ अफसरों को सुपरसीड करके चीफ ऑफ आर्मी आफिसर बनाया गया है. इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि लेफ्टिनेंट जनरल बिपिन रावत, जो वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पद पर हैं, को दो वरिष्ठ अफसरों लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीन बक्सी और लेफ्टिनेंट जनरल पीएम हारिज को सुपरसीड करके चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया गया है.

सेना में नुमाइंदगी

सचर कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक अखिल भारतीय सेवाओं में मुसलमानों का प्रतिनिधित्व चिंताजनक है. उस कमेटी ने भारतीय सेना में मुसलमानों की संख्या की जब जानकारी मांगी थी तो सेना ने यह कहते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया गया था कि वह धर्म आधारित आंकड़े जारी नहीं करेगी. सेना के इस फैसले पर कुछ विवाद भी हुआ था लेकिन काफी लोग इस पक्ष में भी थे कि धर्म के आधार पर जानकारी देने से सेना की छवि को नुकसान पहुंचेगी.

बढ़ता मुसलमानों का मनोबल

स्वाभाविक तौर पर भारतीय सेना के उच्च पदों पर मुसलमानों की संख्या नगण्य है. मैं इस मामले में भी सवाल नहीं उठा रहा कि केंद्र सरकार ने वरिष्ठता के बावजूद पीएम हारिज को सेना प्रमुख क्यों नहीं बनाया. लेकिन भारतीय सेना को अपनी शानदार भूमिका से पीएम हारिज ने जितना गर्वान्वित किया है, अगर उन्हें सेना प्रमुख बना दिया जाता तो सेना और देश दोनों को उन पर गर्व तो होता है, इससे मुस्लिम समाज का मनोबल भी बढ़ता. उन्हें इससे व्यापक प्रेरणा मिलती और इस प्रेरणा से उनमें आगे बढ़ने का भरोसा और आत्मविश्वास बढ़ता. केंद्र की दक्षिणपंथी भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के इस फैसे पर जाहिर है राजनीतिक विवाद होना था. वाम नेते डी राजा और कांग्रेस प्रवक्ता ने भी दो वरिष्ठ अफसरों को सुपरसीड करके रावत की नियुक्ति पर सवाल उठाया है. मनीष तिवारी ने तो यहां तक कहा कि भाजपा यह जवाब दे सकती है कि कांग्रेस सरकार ने अस्सी के दशक में खुद ऐसा कर सकी है, यह एक नॉनसेंस जवाब होगा.

जहां तक एक और लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्सी की बात है तो उनके बारे में खबर यह आ रही है कि सरकार उन्हें देश का प्रथम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ ( सीडीएस) बनाये जाने की तैयारी है. और इसी लिए उन्हें कोई जिम्मेदारी नहीं दी गयी. ध्यान रहे कि सीडीएस के पद के सृजन का पहली बार कारगिल युद्ध के बाद प्रस्ताव आया था. लेकिन इस पद पर बैठने वाले बख्सी पहले अधिकारी होंगे. सीडीएस की भूमिका सीधी रक्षा मंत्री के अधीन होगी और वह युद्ध और रणनीतिके मामलों में सीधे रक्षा मंत्री को रिपोर्ट करेगा.

पीएम हारिज को जानिये

ले.ज. पीएम हारिज को अति विशिष्ट सेना मेडल, सेना मेडल, विशिष्ट सेवा पदक जैसे सम्मान मि चुके हैं. ले.ज. हारिज ने मिलिटरी ऑबजरवर, चीफ पर्सन आफिसर, अंगोला में रिजनल कमांडर के अलावा बटालियन, ब्रिगेड और डिवजन का भी नेतृत्व कर चुके हैं. फिलहाल  दक्षिणा कमान के जनरल आफिसर कमांडिंग इन चीफ के पद पर हैं जो भारतीय सेना का विशालतम भौगोलिक फार्मेशन माना जाता है.

पीएम हारिज कोजिकोडे जिले से 16 किलोमीटर दूर स्थित गांव चेरुअप्पा के रहने वाले हैं जहां के लोग उन्हें सम्मान से ग्रेट सन ऑफ द विलेज के नाम से पुकारते हैं. उनके पिता  पटियारीमल मोहम्मद अली कम्युनिकेशन अधिकारी के पद से रिटायर हुए थे. पीएम हारिज की पत्नी जरीना हारिज  कर्नल ईपीएम रहमान की बेटी हैं. हारिज के बेटे जोहैब खुद भी सेना में कमिशन आफिसर हैं.

 

By Editor


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