सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2जी घोटाला जांच से हटाये जाने की शर्मिंदगी झेल रहे सीबीआई प्रमुख रंजीत सिन्हा का कार्यकाल 2 दिसम्बर को खत्म हो रहा है और सरकार अगले निदेशक की तलाश में जुट गयी है.
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की एक चयन समिति के जरिये योग्य आईपीएस अफसरों के नाम मांगी है. लोकपाल कानून के मुताबिक, केंद्र सरकार सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर करेगी जिसमें विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश को वह सदस्यों के तौर पर नामित करेंगे।
खबर है कि गृह मंत्रालय आईपीएस अधिकारियों के नाम डीओपीटी को भेजने की तैयारी कर रहा है. यहां से नाम ‘वरिष्ठता, निष्ठा और भ्रष्टाचार रोधी मामले में अनुभवों के आधार पर’ तैयार ऐसे अधिकारियों का पैनल चयन समिति को भेजेगा।
उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के आखिर तक सीबीआई के नये निदेशक के नाम की घोषणा कर दी जायेगी.
नये लोकपाल कानून के मुताबिक, केंद्र सरकार सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर करेगी जिसमें विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश या उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश को वह सदस्यों के तौर पर नामित करेंगे. हालांकि तकनीकी रूप से इस मामले में समस्या यह है कि फिलहाल विपक्ष का कोई घोषित नेता को लकसभा के स्पीकर ने मान्यता नहीं दी है. ऐसे में लोकपाल और डीएसपीई कानूनों में संशोधन होना है जिससे कि चयन समिति में कोरम (निर्दिष्ट संख्या) की जरूरत नहीं पड़े और सदस्य की गैरमौजूदगी या रिक्ती को लेकर पैनल की कार्रवाई को अवैध नहीं माना जाए