सलाखों में कैद जद यू विधायक अनंत सिंह प्रकरण में जिस तरह पुरान मामले ऊपर आ रहे हैं, इससे अब लगने लगा है कि अनंत के लिए मुसीबतों का अंत होना आसान नहीं.
नौकरशाही ब्यूरो
पुलिस उनके उन तमाम मालों की परतों को खोलने में जुट गयी है, जिनके बारे में शक है कि अनंत सिंह का उनमें किसी न किसी रूप में हाथ रहा है. अभी दो और पुराने मामले पुलिस के खंगालने से सामने आ गये हैं. एक तो ग्यारह साल पुराना मामला है. डीएसपी राजेश कुमार ने इस मामले की परत खोज निकाली है. यह मामला 2004 में सैदपुर हॉस्टल से शिवम नामक एक छात्र की हत्या से जुड़ा है. पुलिस सूत्र इस हत्या के तार अनंत सिंह से जोड़ते हैं. बताया जाता है कि शिवम विवेका पहलवान का खासम खास था. जिसे विवेका ने अनंत का अंत करने की सोपाड़ी दे रखी थी. उधर अनंत सिंह के भेदियों को इस बात की जानकारी हो गयी कि शिवम उनपर जनलेवा हमला कर सकता है, इससे पहले ही कथित तौर पर अनंत के लोगों ने शिवम को सैदपुर हॉस्टल की खिड़की से शिवम पर गोलियों की बौछार कर दी और वह वहीं ढ़ेर हो गया.
विवेका पहलवान की रंजिश
अनंत सिंह के खिलाफ एक और मामला काफी बड़ा सरदर्द बन कर आता दिख रहा है. एक अन्य मामले में भी अनंत सिंह पर कानूनी और प्रशासनिक शिकंजा कसता जा रहा है. विवेका पहलवान और अनंत सिंह की आपसी रंजिश के किस्से काफी मशहूर रहे हैं. लोग उनकी आपसी दुश्मनी को बड़े चाव से कहते-सुनते रहे हैं. इसी दुश्मनी से का एक सिरा संजय सिंह से जा मिलता है. बताया जाता है कि संजय सिंह विवेका पहलवान के भाई थे और जिन पर आरोप था कि 2004 में उन्होंने अनंत सिंह पर जान लेवा हमला करते हुए गोली दाग दिया था. अनंत घायल हुए थे. लेकिन उसके बाद की कहानी अनंत सिंह के लिए मुश्किलें ले कर आई जब अनंत पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने शूटरों- भोला सिंह और अमित के हाथों कथित तौर पर संजय सिंह की हत्या करवा दी. संजय सिंह हत्याकांड में अनंत सिंह नामजद अभियुक्त हैं.
उधर एक हफ्ता पहले पुटूस यादव अपहरण और हत्या मामले की तहकीकात जिस ढ़ंग से चल रही है उससे पुलिस को भरोसा है कि वह ठोस सुबूतों तक जरूर पहुंचेगी और जिसके नतीजे में अनंत सिंह के गिरेबान तक पुलिस का हाथ पहुंच कर रहेगा.
आने वाले दिन अनंत सिंह के लिए मुश्किल भरे हैं. पुलिस प्रशासन और कानून के हाथ उनके खिलाफ जा रहे हैं.