राजद सांसद पप्पू यादव की संसद में आक्रमक भूमिका मीडिया में खासा चर्चा का विषय बन गया है। केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के खिलाफ पप्पू यादव की टिप्पणी का समर्थन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि दिल्ली किसी की जागीर नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी होने के कारण वहां देश के सभी राज्यों के लोगों को जाकर काम करने और रहने का अधिकार है। अगर कोई व्यक्ति या पार्टी वहां किसी को रहने या काम करने में अवरोध पैदा करता है, तो वह असंवैधानिक है और उनपर कार्रवाई होनी चाहिए।
शनिवार को पटना आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश जब स्वतंत्र हुआ था, तब दिल्ली की जनसंख्या चार पांच लाख थी। अभी यह बढ़कर डेढ़ करोड़ के करीब हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से देश में द्वेष फैलेगा। भाजपा का नाम लिए बिना कहा कि जिस पार्टी के नेता इस तरह का बयान दे रहे हैं, उसे स्पष्टीकरण देना चाहिए कि पार्टी की नीति इस मसले पर क्या है? नीतीश कुमार ने कहा कि बिहारी कहीं जाकर बोझ नहीं बनते, बल्कि वहां के बोझ को कम करने का काम करते हैं। दिल्ली के विकास में पूरे देश का पैसा लगा हुआ है। इस नाते भी दिल्ली पर सभी भारतीयों का हक बनता है। कोई भी वहां रह सकता है।
नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार सी-सैट के मुद्दे को जल्द हल करे। इसे वापस लेने की मांग को लेकर छात्र आंदोलन कर रहे हैं। किसी भाषा को लेकर दुराग्रह नहीं होना चाहिए। छात्रों की मांग सही है, सरकार इसपर जल्द निर्णय ले, ताकि यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्र आंदोलन छोड़कर परीक्षा की तैयारी में लगें।