बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज रविंद्र भवन में गुलाम सरवर की जयंती पर आयोजित उर्दू दिवस समारोह में कहा कि अल्पसंख्यक युवाओं को उद्यम सहायता के लिए निर्धारित वार्षिक बजट राशि भी 25 करोड़ से बढ़ा कर 100 करोड़ रुपये कर दी गयी है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने उर्दू शिक्षकों की बहाली की बाधाओं को दूर करने की भी बात कही.
नौकरशाही डेस्क
उन्होंने कहा कि सूबे में करीब 27 हजार शिक्षकों की बहाली की योजना बनायी गयी है. लेकिन, अफसोस है कि अब तक मामला लंबित है. चिंता मत कीजिए, समाधान निकाला जायेगा. शिक्षा मंत्री और प्रधान सचिव की उपस्थिति में मामले की पूरी रिपोर्ट लेकर समाधान निकाला जायेगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि उर्दू दमदार भाषा है. सभी को उर्दू सीखनी चाहिए. कोई भी भाषा किसी संप्रदाय विशेष की नहीं हो सकती है. उर्दू हिंदुस्तान की भाषा है. इसलिए हमारी इच्छा है कि उर्दू शिक्षकों की सिर्फ बहाली नहीं हो, बल्कि ऐसे उर्दू शिक्षक बहाल किये जाएं, जो अपने छात्रों को उर्दू पढ़ा-लिखा सकें और सीखा सकें. इस साल से मदरसा पास करनेवालों को भी पुरस्कार मिलेगा. उन्होंने ये भी कहा कि हिंदी-उर्दू का संबंध एक-दूसरे के साथ होगा, तो दोनों भाषाएं समृद्ध होती चली जायेगी.