समाजवादी नेता आजम खान द्वारा आरएसएस के कई स्वंयसेवों पर होमो सेक्सुअल होने के आरोप लगाने के तीन महीने बाद आरएसएस ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान देते हुए कहा है कि समलैंगिक संबंध अपराध नहीं होना चाहिए
आरएसएस नेता दत्तात्रय हसबोले ने कहा, “मैं नहीं समझता कि समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी में रख जाना चाहिए, क्योंकि ये दूसरे समाज की ज़िंदगियों पर कोई असर नहीं डालता.”
गुरुवार को एक मीडिया हाउस के कॉन्क्लेव में बोलते हुए संघ के संयुक्त महासचिव दत्तात्रेय होसाबले ने कहा, ‘समलैंगिकता पर आरएसएस की राय क्यों होनी चाहिए? जबतक दूसरों के जीवन पर असर नहीं डालती तबतक यह अपराध नहीं है.’ दत्तात्रेय ने कहा कि सेक्स चुनाव किसी का भी निजी मामला है.
गौरतलब है कि दिसम्बर के पहले सप्ताह में समाजवादी पार्टी के नेता और अखिलेश मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री आजम खान ने एक समारोह में आरएसएस पर आरोप लगाया था कि उसके स्वयंसेवक समलैंगिक होते हैं. उनके इस बयान के बाद देश भर में व्यापक रूप से प्रतिक्रिया हुई थी.
गौरतलब है कि 2009 में दिल्ली हाईकोर्ट ने समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साल 2013 में इसे दोबारा अपराध की श्रेणी में डाल दिया. लेकिन आरएस के इस बयान के बाद हो सकता है सरकार गेसेक्स की परिभाषा में बदलाव करने पर गौर करे.