वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आधार संख्या पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा है कि इससे आधार की संवैधानिकता और शासन में इसकी उपयोगिता प्रमाणित हुई है।
श्री जेटली ने यहां संवाददाताओं से कहा कि न्यायालय में आधार की समीक्षा के बाद आये फैसले से इसका विरोध करने वालों को यह समझना होगा कि शासन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को नजरंदाज नहीं किया जा सकता। कांग्रेस के आधार का विरोध करने पर हैरानी जताते हुए उन्होंने कहा कि इस अवधारणा की शुरूआत उसने ही की थी लेकिन उसे यह नहीं पता था कि इसका क्या इस्तेमाल और कैसे करें। उस समय आधार को कानूनी वैधता भी नहीं मिली थी। मोदी सरकार ने इसका प्रारूप दोबारा बनाया और इसके मूल सिद्धांतों में परिवर्तन किया जिसमें यह स्पष्ट किया कि क्या करना है और क्या नहीं।
एक सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेताओं की राजनीतिक आशंकाओं का सरकार के पास समाधान नहीं है। कांग्रेस के दायें हाथ को यह नहीं पता रहता कि उसका बायां हाथ क्या कर रहा है और उसके नेता केवल हेडलाइन पढ़कर ही संवाददाता सम्मेलन में चले जाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को आधार से गरीब की सेवा करने की ताकत मिली है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा है कि इस निर्णय के दूरगामी परिणाम होंगे और यह गरीब हिन्दुस्तानी के सशक्तीकरण का माध्यम बनेगा। डाटा सुरक्षा से जुडे सवाल पर उन्होंने कहा कि इससे संबंधित कानून बनाने पर तेजी से काम हो रहा है और इसे जल्द ही अमलीजामा पहनाया जायेगा।