आधार पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला,निजी कम्पनियां अब लोगों की प्राइवेसी के लिए नहीं बन पायेंगी खतरा.
आधार एक्ट 57 को सुप्रीम कोर्ट ने हटा दिया है. इसके तहत निजी मोबाइल कम्पनियों के सिम से आधार को लिंक करने की अनिवार्यता खत्म हो गयी है साथ ही अदालत ने आधार कार्ड की संवैधानिक वैधता को बरकार रखा है। कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने कुछ शर्तों के साथ आधार के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि CBSE, NEET, UGC और स्कूल एडमिशन के लिए आधार जरूरी नहीं होगा। इसके अलावा आधार बैंक अकाउंट और मोबाइल सिम के लिए भी जरूरी नहीं होगा।.
हालांकि कोर्ट ने पैन कार्ड के लिए आधार की अनिवार्यता को बरकरार रखा है.
कोर्ट ने यह भी कहा है कि सरकार बायॉमीट्रिक डेटा को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर कोर्ट की इजाजत के बिना किसी और एजेंसी से शेयर नहीं करेगी. इतना ही नहीं कोर्ट ने केंद्र को निर्दश दिया है कि वह, यह सुनिश्चित करना होगा कि अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड न मिले.
बता दें कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एके सीकरी, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की 5 जजों की संवैधानिक पीठ ने इस मामले की सुनवाई की और फैसला सुनाया.
इस फैसला का सबसे बड़ा प्रभाव निजी मोबाइल कम्पनियों पर पड़ेगा जो लोगों की प्राइवेसी के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बनने की आशंका थी.