भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने ट्राई के अध्यक्ष राम सेवक शर्मा की व्यक्तिगत जानकारी आधार संख्या से हैक करने के दावों को खारिज करते हुए आज कहा कि आधार डाटा पूरी तरह सुरक्षित है।
प्राधिकरण ने एक वक्तव्य जारी कर कहा है कि टि्वटर पर कुछ तत्वों और मीडिया के एक वर्ग ने श्री शर्मा की आधार संख्या के जरिये उनकी व्यक्तिगत जानकारी हासिल करने का दावा किया है, जो गलत है। कुछ भटके हुए तत्व लोगों में आधार संख्या को लेकर दुष्प्रचार फैलाना चाहते हैं और प्राधिकरण इन कोशिशों की कडी निंदा करता है। प्राधिकरण का कहना है कि यूआईडीएआई ने बडी मेहनत से डिजिटल विश्वसनीयता हासिल की है। प्राधिकरण ने समय समय पर अपनी विश्वसनीयता का प्रमाण दिया है।
प्राधिकरण ने कहा है कि श्री शर्मा लोकसेवक हैं और उनके बारे में गूगल जैसी वेबसाइट से आसानी से जानकारी हासिल की जा सकती है। वह जाेर देकर कहता है कि श्री शर्मा के बारे में टि्वटर पर जो भी जानकारी दी गयी है वह आधार डाटाबेस या प्राधिकरण के सर्वर से लीक नहीं की गयी।
उसका कहना है कि दरअसल श्री शर्मा के बारे में जो जानकारी हैक करने के दावे के साथ दी जा रही है जैसे उनका पता, जन्म तिथि, फोटो, फोन नंबर और ई मेल ये पहले से ही सार्वजनिक हैं। प्राधिकरण ने लोगों से अपील की है कि तथाकथित हैकरों का दावा गलत है और इस पर विश्वास नहीं किया जाना चाहिए।
प्राधिकरण ने कहा है कि आधार डाटाबेस पूरी तरह सुरक्षित है और तथाकथित हैकरों का दावा सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा है। हैकरों ने अलग अलग जगहों से श्री शर्मा के बारे में जानकारी एकत्र उसे ट्विटर पर एक जगह डाल दिया है। श्री शर्मा के बारे में हासिल की गयी जानकारी बिना आधार संख्या के भी विभिन्न सर्च इंजन से हासिल की जा सकती है। प्राधिकरण ने कहा है कि यह उभरती डिजिटल दुनिया से जुडी चुनौती है और न्यायमूर्ति श्रीकृष्णा समिति की रिपोर्ट में इसके समाधान से जुडी सिफारिशें की गयी हैं।
उल्लेखनीय है कि श्री शर्मा ने शनिवार को टि्वटर पर यह कहते हुए अपनी आधार संख्या सार्वजनिक की थी कोई इसके आधार पर उनसे जुडी जानकारी लीक कर के दिखाये। इसके बाद कई लोगों ने टि्वटर पर उनके बारे में व्यक्तिगत जानकारी साझा करते हुए दावा किया था कि उन्होंने यह जानकारी आधार डाटाबेस से हैक की है।