चुनाव आयोग ने आज दोहराया कि उसके द्वारा इस्तेमाल की जा रही इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में छेड़छाड़ संभव नहीं है। उसने राजनीतिक दलों को चुनौती दी है कि उन्हें यदि इसमें कोई संशय है तो वे तीन जून से ईवीएम में छेड़छाड़ साबित करके दिखाएं।
मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर उठे विवाद के मद्देनजर आज नई दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में स्पष्ट किया कि ये मशीनें पूरी तरह सुरक्षित, विश्वसनीय और भरोसेमंद है तथा इनका इस्तेमाल किसी के पक्ष में या खिलाफ नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि हमारी मशीनों में कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है और न ही उनके उपकरण बिना किसी की जानकारी में आए बदले जा सकते हैं। इन मशीनों को बनाते समय भी छेड़छाड़ करना संभव नहीं है और इनका डॉटा किसी भी तरह से बदला नहीं जा सकता है।
श्री जैदी ने राजनीतिक दलों को ईवीएम में छेड़छाड़ किए जाने की संभावना को साबित करने की चुनौती देते हुए कहा कि पांच राज्यों में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाग लेने वाले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों को इस बारे में किसी भी तरह का संशय है, वे तीन जून से आयोग के मुख्यालय निर्वाचन सदन में आकर छेड़छाड़ साबित करके दिखाएं। कोई भी दल अपने सूचना प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों के साथ आकर इन मशीनों का परीक्षण कर सकता है। उन्होंने कहा कि कोई भी मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल 26 मई तक इसमें भाग लेने के लिए आवेदन कर सकता है और उन्हीं दलों को तीन जून से इसमें शामिल होने की अनुमति दी जाएगी। एक दल अपने तीन प्रतिनिधि इसके लिए भेज सकता है।