बिहार विधान परिषद में आज मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब छात्रों का नामांकन नहीं लिये जाने को लेकर भारी शोरगुल और नारेबाजी की जिसके कारण सदन की कार्यवाही को भोजनावकाश से पूर्व स्थागित करनी पड़ी । सभापति अवधेश नारायण सिंह के आसन ग्रहण करते ही भाजपा के रजनीश कुमार ने इस मामले को उठाते हुए कहा कि राज्य में वर्ष 2009 से ही शिक्षा के अधिकार का कानून लागू है । इसके तहत निजी विद्यालयों में 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब छात्रों का नामांकन लिया जाना है लेकिन यह नहीं हो पा रहा है । इस कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही है ।
श्री कुमार ने कहा कि सरकार की लापरवाही से गरीब वर्ग से आने वाले छात्रों का निजी विद्यालयों के दाखिला नहीं हो पा रहा है । वहीं इन स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब छात्रों का खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन करने का प्रावधान है । उन्होंने कहा कि एक तरफ जहां निजी विद्यालयों में इस कानून के तहत नामांकन नहीं हो रहा है, वहीं पूर्व में जिन विद्यालयों ने नामांकन लिया है, उनकी राशि का भुगतान सरकार द्वारा नहीं किया गया है । इस पर सभापति ने इस मामले को शून्यकाल में उठाने का आग्रह किया जिसके बाद भाजपा सदस्य शांत होकर अपनी सीट पर बैठ गये ।
शून्यकाल के समाप्त होते ही श्री कुमार ने एकबार फिर इस मामले को उठाया और कहा कि राज्य के गरीब बच्चों के शिक्षा से जुड़ा हुआ यह अहम सवाल है । निजी स्कूलों में नामांकन नहीं हो पाने के कारण जहां गरीब बच्चे बेहतर शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। वहीं सरकार की तरफ से पढ़ाई में खर्च का जो 25 प्रतिशत राशि देना था वह वह दो वर्षो से लम्बित है ।