पटना की एक सत्र अदालत ने बहुचर्चित इंटरमीडियेट टॉपर्स फर्जीवाड़ा मामले में फर्जी ऑटर्स टॉपर रूबी राय को आज जमानत दे दी। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश परवेज आलम ने रूबी राय की ओर से दाखिल जुवेनाइल अपील पर सुनवाई करने के बाद उसे दस हजार रूपये के निजी मुचलके साथ ही इतनी ही राशि के दो जमानतदारों के बंध पत्र दाखिल करने पर उन्हें जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया।
इससे पूर्व जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद रूबी ने जिला न्यायाधीश के समक्ष जमानत के लिए अपील याचिका दाखिल की थी। इसके बाद जिला न्यायाधीश ने मामले को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां सुनवाई के लिए स्थानांतरित कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 के इंटरमीडियेट आर्ट्स और साइंस के रिजल्ट में रूबी राय और सौरभ श्रेष्ठ ने टॉप किया था। एक टेलीविजन चैनल से बातचीत के क्रम में साइंस टॉपर सौरभ जहां विज्ञान के आसान सवालों का जवाब नहीं दे सके वहीं दूसरी ओर आर्ट्स टॉपर रूबी राय ने पॉलिटिकल साइंस को ‘प्रॉडिकल साइंस’ कह दिया था। मामले का खुलासा होने के बाद आनन-फानन में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (बीएसईबी) ने 03 जून को एक से पांच रैंक तक टॉपर स्टूडेंट्स को इंटरव्यू के लिए बुलाया जिसमें रूबी नहीं नहीं पहुंची। साइंस टॉपर सौरभ ने इंटरव्यू के दौरान एक सवाल के जवाब में यहां तक कहा था कि यदि उनसे अधिक सवाल पूछा गया तो वह आत्महत्या कर लेंगे। मामले के मुख्य आरोपी और विशुन राय कॉलेज के प्राचार्य बच्चा राय एवं बीआईइसी के पूर्व अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद सिंह समेत कई अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।