बिहार इंटरमीडिएट रिजल्ट की गड़बड़ी पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को घेरा और उनपर अपने गृह ज़िला के एक स्वजातीय मित्र को वर्षों तक बिहार बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था का सत्यानाश कराने का आरोप लगाया. तेजस्वी ने ताबड़तोड़ ट्विट के जरिये नीतीश कुमार पर हमला बोला. साथ ही सुशील मोदी को भी कोसा.
नौकरशाही डेस्क
तेजस्वी ने अपने पहले ट्विट में लिखा – ‘बिहार बोर्ड के घोटालों और विशुद्ध काले कारनामों ने इंटरमीडिएट के लाखों छात्रों का जीवन बर्बाद कर दिया. जो विषय छात्र ने लिया ही नहीं उसकी जगह दूसरे विषय का परिणाम आया जैसे गणित की जगह बायोलॉजी का रिजल्ट आया और 50 अंक की परीक्षा में 68 नंबर और 30 की परीक्षा में 46 अंक आयें.‘
उसके बाद लिखा – नीतीश जी ने उन्हें फ़ायदा पहुँचाने वाले अफ़सर ऐसी जगह बैठा रखे है जिन्होंने लाखों छात्रों के जीवन को बर्बाद कर दिया है.उन अफ़सरों के बच्चों की मार्कशीट में त्रुटियाँ क्यों नहीं है? नीतीश जी चुप क्यों है? लाखों छात्रों का जीवन बर्बाद कर आपको कौन सा मानसिक सुख प्राप्त हो रहा है? हर साल आपकी नाक के नीचे बिहार बोर्ड भाँति-भाँति के गुल खिला रहा है. आपने अपने गृह ज़िला के एक स्वजातीय मित्र को वर्षों तक बिहार बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर बिहार की शिक्षा व्यवस्था का जो सत्यानाश करवाया उसके लिए आपको बिहार के कर्णधार छात्रों से माफ़ी माँगनी ही होगी.‘
एक अन्य ट्विट में लिखा – ‘नीतीश जी जवाब आपको देना होगा.अफ़सरों के आगे माइक मत किजीए.जो काम नहीं करता उसे हटाइए.अब जिन छात्रों को आगे दाख़िला लेना है उनकी मार्कशीट की त्रुटियाँ ससमय कौन ठीक करेगा? उनका एक महत्वपूर्ण वर्ष बर्बाद क्यों किया जा रहा है? जल्दी से एक हेल्पलाइन और कैम्प लगवा इसे ठीक करवाना चाहिए.‘ अंतिम ट्विट में सवाल करते हुए लिखा – नीतीश जी कभी कदाचार पर नहीं बोलते? ख़राब रिज़ल्ट पर नहीं बोलते? बिहार बोर्ड में व्याप्त भ्रष्टाचार पर नहीं बोलते? इनके गृह ज़िला के कुख्यात शिक्षा माफ़िया पर कारवाई नहीं करते? इनके चंद अफ़सर ठीक और ईमानदार लेकिन बिहार के लाखों छात्र गलत और बेईमान. शिक्षा की गुणवत्ता पर नहीं बोलते ‘