वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ललित मोदी प्रकरण पर मंत्रियों के इस्तीफे की विपक्ष की मांग पर प्रतिक्रिया देने से बचते हुए आज कहा कि कुछ लोग टेलीविजन चैनलों के लिए प्रासंगिक हैं, लेकिन सरकार के लिए नहीं । ललित मोदी प्रकरण से जुड़े मंत्रियों के इस्तीफे की विपक्ष की मांग के चलते संसद के मानसून सत्र के प्रभावित होने की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि देश के विकास के एजेन्डा में कोई भी राजनीतिक दल विकास विरोधी रुख नहीं अपनायेगा।
श्री जेटली संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस सवाल पर कि विपक्ष विदेश मंत्री सुषमा स्वराज तथा राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफों की मांग पर अड़ा हुआ है और इस पर संसद सत्र को नहीं चलने देने की बात कर रहा है, श्री जेटली ने इस पर उलट सवाल किया ,“ यह आप का अनुमान है या आपको इसकी सूचना है। ” साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग टेलीविजन चैनलों के लिए भले ही प्रासंगिक हों लेकिन वे सरकार के लिए प्रासंगिक नहीं हैं। वस्तु एवं सेवा कर विधेयक तथा भूमि अधिग्रहण विधेयक के संसद में पारित होने की उम्मीद जताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि ये दोनों विधेयक देश के विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं ।
उन्होंने विश्वास जताया कि देश के विकास के एजेन्डा में कोई भी राजनीतिक दल विकास विरोधी रुख नहीं अपनायेगा। विपक्ष श्रीमती स्वराज और श्रीमती राजे पर प्रवर्तन निदेशालय की जांच का सामना कर रहे आई पी एल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी की मदद करने का आरोप लगाते हुए इन दोनों के इस्तीफे की मांग कर रहा है । कांग्रेस ने अपने इस आरोप के संबंध में कुछ दस्तावेज भी सार्वजनिक किये हैं। उसका कहना है कि पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी सरकार ललित मोदी और इन दोनों मंत्रियों को बचाने की कोशिश कर रही है। उसने कहा है कि वह इस पूरे प्रकरण को मानसून सत्र में जोर शोर से उठायेगी।