प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विश्व के लिए एकीकृत ग्रिड की वकालत करते हुये आज कहा कि इस दिशा में यदि हम ‘एक दुनिया, एक सूरज, एक ग्रिड’ को मिशन बनाकर काम करते हैं तो धरती के किसी कोने पर कभी बिजली की कमी नहीं रहेगी।
श्री मोदी ने विज्ञान भवन में अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आइसा) की पहली बैठक, आरई-इन्वेस्ट की दूसरी प्रदर्शनी तथा आईओआरए की नवीकरणीय ऊर्जा पर मंत्रिस्तरीय दूसरी बैठक के उद्घाटन के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा “पिछले डेढ़-दो सौ साल में मानव जाति ऊर्जा के लिए धरती के नीचे दबे संसाधनों पर ही निर्भर रहा है। प्रकृति ने इसका विरोध भी किया है। वह लगातार संदेश दे रही है कि जमीन के ऊपर के संसाधन – सूर्य, वायु और पानी – ऊर्जा के बहेतर संसाधन हैं।”
सूरज को ऊर्जा का सतत स्रोत बताते हुये उन्होंने कहा कि यदि हम ‘एक दुनिया, एक सूरज, एक ग्रिड’ का मिशन पूरा करेंगे तो सूरज से 24 घंटे ऊर्जा मिलती रहेगी और दुनिया में ऊर्जा की कभी कमी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि एक नये सिरे से सोचने की जरूरत है। दुनिया के किसी न किसी कोने में सूरज की रौशनी हमेशा रहती है और इसलिए आइसा की बैठक में इस दिशा में विचार करने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सूरज को प्रकाश और ऊर्जा का देवता माना गया है। वेद से योग तक सूर्य चिंतन, उपासना और आंतरिक ऊर्जा का स्रोत रहा है। प्रौद्योगिकी के माध्यम से अब इस आंतरिक ऊर्जा को बाह्य ऊर्जा में बदला जा रहा है।