स्पॉट फिक्सिंग की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को पद छोड़ने को कहा है अब उनकी आईसीसी अध्यक्ष की प्रस्तावित कुर्सी भी खतरे में पड़ गयी है.
मालूम हो कि श्रीनिवासन जुलाई 2014 में वर्ल्ड क्रिकेट की सबसे बड़ी संस्था आईसीसी यानी इंटर्नेशनल क्रिकेट कॉउंसिल के अध्यक्ष का पद ग्रहण करने वाले थे.
सुप्रीम कोर्ट ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले की सुनवाई करते हुए कहा है कि बीसीसीआई अध्यपक्ष एन श्रीनिवासन को तुरंत इस्तीपफा दे देना चाहिए. इतना ही नहीं अदालत ने कहा है कि उनके इस्तीफे के बिना मामले की निष्पुक्ष जांच संभव नहीं है. न्याइयालय के सख्त रुख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसने यहां तक कहा कि अगर वे इस्तीभफा नहीं देते है तो कोर्ट को आदेश देना पड़ेगा.
कौन हैं श्रीनिवासन
श्रीनिवासन का जन्म 3 जनवरी 1945 को एक तमिल ब्रह्मण परिवार में तमिलनाडु के तिरुनेलवेली जिला में हुआ था. वह एक बड़े उद्योगपति हैं और इंडिया सिमेंट के मैनेजिंग डॉयरेक्टर हैं. वह इंडिया सिमेंट के प्रबंध निदेशक 1989 में बने. वह टीएस नारायण स्वामी के बेटे हैं जो इंडिया सिमेंट के अधिकारी रहे हैं. श्रीनिवासन ने मद्रास विश्वविद्यालय से इंजिनियरिंग की है.
श्रीनिवासन को क्रिकेट प्रशासन में लाने श्रय बीसीसीआई ( बोर्ड ऑफ क्ट्रौल फॉर क्रिकेट इन इंडिया) के तत्कालीन अध्यक्ष एसी मुथैया को जाता है. श्रीनिवासन पहले बीसीसीआई के सचिव थे और फिर वह 2011 में इसके अध्यक्ष बने. उन्होंने सशांक मनोहर के बाद अध्यक्ष का पद संभाला.
श्रीनिवासन और विवाद
बसीसीआई के बॉयलॉज के अनुसार पहले यह शर्त थी कि बीसीसीआई प्रबंधन से जुड़ा कोई भी अधिकारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से , इसके मैचों में कोई व्यावसायिक लाभ लेने का हकदार नहीं होगा. लेकिन 2008 में इन शर्तों में संशोधन किया गया. इस संशोधन के बाद श्रीनिवासन ने आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग का मालिकाना हक लिया. इसी समय से श्रीनिवासन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अनेक तरह की अनियमितता के मामले चल रहे हैं. ताजा मामला मैच फिक्सिंग को लेकर है, जिसकी सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उनसे कहा है कि वह बीसीसीआई अध्यक्ष का पद खुद छोड़ दें नहीं तो उन्हें हटाने का आदेश दिया जायगा.