क्या रजत शर्मा के सवाल और नरेंद्र मोदी के जवाब फिक्स थे? दर्शक दीर्घा में आमंत्रित लोग चुन-चुन कर बुलाये गये थे? पढिए रजत के चुनिंदा सवाल और मोदी के जवाब.
रजत शर्समा-साबिर अली जब भाजपा में शामिल हुए तो मुख्तार नकवी ने कहा- अभी तो साबिर अली शामिल हुए हैं अब दाऊद इब्राहिम शामिल होंगे.
नरेंद्र मोदी- अब.. ये उन दोनों के बीच का मामला है.
नोट – साबिर को मोदी की सहमति पर शामिल किया गया था. पर उनपर अनेक हत्याकांड और आतंकवादियों से सांठगांठ के आरोप लगा कर पार्टी में शामिल करने के 48 घंटे के भीतर निकाल दिया गया. फिर आरोपों पर कुछ नहीं कहा गया. इस सवाल को मोदी क्यों टाल गये?
एक जनता का सवाल– आप अगर प्रधानमंत्री बन गये तो क्या आडवाणी जी राष्ट्रपति बनायेंग?
मैं जो कुछ भी हूं या बनूंगा अपने वरिष्ठ नेताओं की बदौलत बनूंगा. तो फिर मैं उन्हें क्या बना सकता हूं.
(मतलब वह कुछ भी नहीं बनेंगे, न राष्ट्रपति और न ही कुछ और)
रजत शर्मा- तो पिछले छह महीनों में आडवाणी जी तीन बार नाराज क्यों हुए
नरेंद्र मोदी( नाराजगी पर बोलने के बजाये) उन्होंने ने तो पीएम कंडिडेट बनने के बाद मुझे आशीर्वाद दिया.(आशीर्वाद या बधाई की औपचारिकता तो बेमन भी पूरी की जाती है)
रजत शर्मा- तो फिर उन्हें एक टिकट के लिए क्यों नाराज किया गया. वह भोपाल से लड़ना चाहते थे उन्हें वहां से टिकट नहीं दिया गया.
नरेंद्र मोदी– उन्होंने तो गुजरात से चुनाव लड़ने पर सहमति जता दी. ( आडवाणी की मजबूरी की सहमति पर कुछ बोलने से बचे मोदी)
रजत शर्मा– और फिर जसवंत सिंह को तो एक टिकट भी नहीं दिया आपकी पार्टी ने
नरेंद्र मोदी- अरे जसवंत जी तो हमारे वरिष्ठ नेता हैं. उन्होंने तो मेरे ऊपर लिखी एक किताब का प्रस्तावना लिखा है.( क्या यही जवाब है)
रजत शर्मा- ठीक है तो उन्हें टिकट क्यों नहीं दिया गया?
नरेंद्र मोदी- देखिए ऐसा है कि राज्य चुनाव समिति प्रत्याशियों की लिस्ट बनाती है और उसे केंद्रीय चुनाव समिति को भेजती है. इसमें हमारी भूमिका नहीं होती.
(रजत ने इस पर कोई क्रास क्येश्चन नहीं किया… जैसे यह आरोप लगे थे कि मोदी और वसुंधरा ने मिल कर जसवंत का टिकट काटा)
रजत शर्मा– तो फिर बनारस से मुरली मनोहर जोशी का टिकट काट दिया गया…
नरेंद्र मोदी- उन्हें तो कानपुर से टिकट दिया गया है. और मुझे पूरा विश्वास है कि वह अपने जीवन में सबसे बड़े अंतराल से वहां से जीतेंगे
नोट- टिकट क्यों काटा इस सवाल को जवाब नहीं दिया मोदी ने, और रजत को गोल गोल घुमा दिया. क्या रजत को इस पर क्रास क्वेशचन करने से मना किया गया था?
टोपी का मामला गोल कर गये
रजत शर्मा- आप पंजाब गये तो पंजाबियों की पगड़ी पहन ली. असम गये तो वहां के भेसभूसा धारण कर लिया पर इमाम साहब ने टोपी दी तो टोपी नहीं पहनी.
नरेंद्र मोदी– मैं तमाम सम्प्रदायों का सम्मान करता हूं. पर अपनी परम्परा का पालन करता हूं. गांधी जी को कभी ऐसी टोपी पहनी तस्वीर तो मैंने कभी नहीं देखी. पंडित नेहरू को भी ऐसी टोपी में मैंने नहीं देखा. सरदार पटेल को भी नहीं.
(नोट- पगड़ी पहन ली, असमी वस्त्र धारण किया पर टोपी क्यों नहीं पहनी इसका जवाब देने के समय दार्शनिक हो गये मोदी साहब. इसे परम्परा से जोड़ दिया और इस पर रजत ने कोई क्रास क्वेश्चन नहीं किया)
दर्शक दीर्घा के लोग कितने ट्रेंड थे कि वह सवाल और जवाब के बीच के अंतराल की में मोदी… मोदी…मोदी ऐसे चिल्ला रहे थे कि साक्षात्कार में कोई रुकावट नहीं पड़े.