चुनावी घामासान में बिहार की सियासत ही नहीं सोशल मीडिया भी जंग का मैदान बन गया है. इस जंग में एबीबीपी न्यूज की उस स्पेशल खबर पर पत्रकार बिरादरी एक दूसरे पर तीरकमान तान चुके हैं, जिसका शीर्षक है ‘ऑपरेशन भूमिहार’.OPRETATION.BHUMIHAR

नौकरशाही डेस्क

जहानाबाद के घोसी की खबर ब्रेक करते हुए चैनल के पत्रकार अभिसार शर्मा ने ऑप्रेशन भूमिहार में बताया है कि कैसे पिछले 67 साल यानी आजादी से अबतक घोसी के दस गावों के दलितों-पिछड़ों ने  वोट नहीं डाला. चैनल ने इसके लिए दबंग भूमिहारों को कटघरे में खड़ा किया है जिस समाज ने दलितों-पिछड़ों को आज तक वोट डालने नहीं दिया. चैनल ने उन वृद्ध दलितों से बातचीत दिखायी है जो बता रहे हैं कि उन्हें  हर बार धक्के दे कर कैसे पोलिंग बूथों से भगाया जाता रहा है. आजादी के बाद से इन दलितों पिछड़ों ने यह नहीं जाना कि बैलेट पेपर और ईवीएम मशीन कैसे होते हैं.

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चैनल की यह विशेष खबर सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी है. और आम जन से ले कर पत्रकार बिरादरी तक ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. एक खास जाति का नाम ले कर पूरे समाज पर प्रहार करती इस खबर की अलग-अलग व्याखा की जा रही है. खबर से यह सच उजागर होता है कि दलितों-पिछड़ों को वोटिंग करने के अधिकार से वंचित करने वाले भूमिहार बिरादरी के हैं. लेकिन इसके लिए पूरी जाति को कटघरे में खड़े करने की पत्रकारिता का समर्थन नौकरशाही डॉट इन नहीं कर सकता, बल्कि ऐसी पत्रकारिता की निंदा करता है. लेकिन जिस तरह से चैनल के पत्रकार पर इस वजह से निजी प्रहार किये जा रहे हैं वह भी चिंता की बात है.

पक्ष-विपक्ष में तर्क

इस रिपोर्ट पर सोशल मीडिया में पत्रकारों और समाज के लोग भी जातीय आधार पर आमने सामने आ गये हैं. आर्यन टीवी के पत्रकार धीरेंद्र कुमार ने फेसबुक पर अपने स्टेटस में लिखा- ‘इस चैनल और इसके रिपोर्टर ने पत्रकारिता को गिरवी रख दिया…कभी जमीन की रिपोर्टिंग की नहीं…पैरवी से नौकरी मिली’. इसके बाद लोगों ने इस पर खूब प्रतिक्रिया दी.

मुकेश सिंह और निशिकांत सिंह ने इसे पेड न्यूज, छद्म पत्रकारिता और एक समाज को बदनाम करने की साजिश कहा. वहीं  वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश अखिल ने इसे पूरी जाति से जोड़ने को गलत बताया है.

 

वहीं ध्रुव सिंह ने लिखा है कि अभिसार शर्मा ने सच दिखा दिया तो उन्हें लोग गलत कहने पर लगे हैं. इसी तरह राजेश ठाकुर ने इसे ग्राउंड की हकीकत बताते हुए पोल खोलती खबर कहा है.

वहीं अनूप माधव ने एबीपी की रिपोर्ट शेयर करते हुए सवाल किया है कि दलित-पिछड़े वोट नहीं डाल सकते. क्या इस बार उन्हें वोट का अधिकार मिलेगा. वहीं पत्रकार प्रणय प्रियंबद ने भी इस लिंक को शेयर करके सूचित किया है कि यह खबूर खूब चर्चा में है.

वहीं वरिष्ठ टीवी पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी ने शशिभूषण के वॉल से एबीबीपी न्यूज के पत्रकारि का फोटो शेयर किया है जिसमें लिखा है कि उन पर केस दर्ज किया जायेगा.

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