अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भारत के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक और रक्षा रिश्तों को नए स्तर तक ले जाने का वादा दोहराते हुए आज विश्वास जताया कि दोनों देश न केवल स्वाभाविक साझेदार हैं, बल्कि आने वाले दिनों में सर्वश्रेष्ठ साझेदार बनेंगे। श्री ओबामा ने सिरीफोर्ट सभागार में ‘इंडिया एंड अमेरिका: द फयूचर वी कैन बिल्ड टुगैदर’ विषय पर करीब 2000 चुनिंदा लोगों को संबोधित करते हुए यह विश्वास जताया। उन्होंने भारत और अमेरिका के संविधान, लोकतांत्रिक मूल्यों और चुनौतियों का तुलनात्मक विश्लेषण करते हुए कहा कि विश्व में शांति और स्थिरता तभी स्थापित होगी जब दो मजबूत लोकतंत्र एकजुटता के साथ खडे होंगे। भारत और अमेरिका के संबंध इस सदी की सबसे भरोसेमंद साझेदारियों में से एक हो सकते हैं।
नई दिल्ली के सिरीफोर्ट सभागार में ओबामा का संबोधन
श्री ओबामा ने परमाणु हथियारों से मुक्त विश्व को दोनों देशों का समान लक्ष्य बताते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हम ऐसी सुरक्षा परिषद चाहते हैं, जिसमें भारत स्थायी सदस्य के तौर पर शिरकत करे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन की शुरुआत ‘नमस्ते’ से की और समापन ‘जयहिंद’ से किया।
श्री ओबामा ने भारत को गरीबी से उबरने, आधारभूत ढांचे, बुलेट ट्रेन, स्मार्ट शहरों के विकास और स्वच्छ ऊर्जा के विकास में मदद देने का वादा करते हुए कहा कि दुनिया में शांति और स्थिरता कायम करने में भारत की अहम भूमिका है। भारत की महिला और युवा शक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि वे दुनिया की तस्वीर बदलने की ताकत रखते हैं। भारत के अधिकांश लोग 35 वर्ष से कम आयु के हैं और उन पर न केवल भारत की बल्कि दुनिया का भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है।