कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने राजस्थान के अलवर और उत्तर प्रदेश की दादरी जैसी घटनाओं के कारण देश में हिंसा और असुरक्षा का माहौल व्याप्त होने पर गहरी चिंता जताते हुए जनतंत्र की रक्षा और कानून का राज स्थापित करने के लिए आज राष्ट्रपति से तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की ।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी , पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में संसद के दोनों सदनों के विपक्षी दलों 13 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने यहां राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपकर यह मांग की । इन नेताओं ने श्री मुखर्जी के समक्ष अलवर,दादरी और ऊधमपुर में हिंसा की घटनाओं के अलावा इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में गड़बड़ी की रिपोर्ट , गोवा और मणिपुर में राज्यपाल के पद के कथित दुरुपयोग , विरोधी दलों के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूराे और प्रवर्तन निदेशालय के कथित बेजा इस्तेमाल और मनी विधेयक के जरिये कई विधेयकों को पारित कराने जैसे मामले उठाये ।
श्री मुखर्जी से मुलाकात के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में संवाददाताओं से कहा कि देश में चारों तरफ आतंक और असुरक्षा का माहौल पैदा हो गया है। लोकतंत्र में कानून का राज होना चाहिए लेकिन देश में चारों ओर उपद्रवी तत्व हिंसा में लिप्त हैं और उपद्रवी भीड़ लोगों की जान ले रही है । गवाहों को डराया-धमकाया जा रहा है । अलवर ,दादरी, जम्मू-कश्मीर के ऊधमपुर तथा कई अन्य स्थानों पर हिंसा की घटनाएं इसका गवाह हैं ।