उत्तर प्रदेश की पुलिस ने बिहार पुलिस के उस दावे को की पोल खोल दी है जिसमें उसने सांसद ओमप्रकाश यादव के करीबी के हत्या के आरोपी को गिरफ्तार करने की बात कही थी.
विनायक विजेता
यूपी एसटीएफ द्वारा जारी एक प्रेस रिलीज ने बिहार पुलिस के उस दावे की पोल खोल दी है जिस दावे में सिवान के एसपी ने यह कहा था कि कुख्यात सुपारी किलर सुमित कुमार सिंह उर्फ मोनू चवन्नी को सिवान की एसआईटी टीम ने लखनऊ में गिरफ्तार कर लिया।
चवन्नी पर सिवान के सांसद ओमप्रकाश यादव के प्रवक्ता व सर्राफा व्यवसायी श्रीकांत भारती की हत्या करने का आरोप है। श्रीकांत की हत्या बीते 23 नवम्बर को सिवान के हथुआ थाना क्षेत्र में उस वक्त कर दी गई थी जब वो एक वैवाहिक समारोह में भाग लेने के बाद वापस घर लौट रहे थे।
मूल रुप से यूपी के मऊ जिले का निवासी चवन्नी को उसके एक साथी गोरखपुर निवासी चन्द्रिका सहनी के साथ यूपी एसटीएफ ने एक मुटभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। बिहार में दो व उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अबतक 21 संगीन वारदातों को अंजाम देने वाले दस हजार के इनामी सुमित उर्फ चवन्नी की खोज यूपी एसटीएफ काफी दिनों से कर रही थी। बीते 2 अगस्त को यूपी एसटीएफ को यह जानकारी मिली की चवन्नी 3 अगस्त को अपने एक साथी के साथ हथियारों के आदान-प्रदान के लिए लखनऊ आने वाला है।
इस सूचना के बाद एसटीएफ फील्ड इकाई, गोरखपुर के डीएसपी विकास चंद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में यूपी एसटीएफ की टीम ने कुकरैल बांध के पास घेराबंदी की और हल्के मुटभेड़ के बाद चवन्नी को उसके एक साथी सहित गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार अपराधियों के पास से लूट की एक कारबाइन, .32 बोर का एक पिस्टल जो मो.अलाउद्दीन, पिता-शेख निजामुद्दीन, ग्राम-महुआरी, सिवान के नाम से निर्गत है के अलावा दो मोबाइल एवं आधा दर्जन कारतूस भी बरामद किया।
यूपी एसटीफ द्वारा पूछताछ के क्रम में जब चवन्नी ने सिवान के सांसद ओमप्रकाश यादव केप्रवकता श्रीकांत भारती की हत्या की बात स्वीका की तो यूपी एसटीएफ ने उसकी गिरफ्तारी की जानकारी बिहार पुलिस के अधिकारियों को दी इसके बाद शुरु हो गया चवन्नी को गिरफ्तार करने का श्रेय लेने की होड़। सिवान के एसपी ने भी यह झूठा दावा कर दिया कि सिवान से गई एसआईटी के दल ने चवन्नी को गिरफ्तार किया जबकि उसकी गिरफ्तारी में बिहार पुलिस की कोई भूमिका ही नहीं।