आईआईटी पटना के बारे में कुछ मीडिया में उटपटांग दावा करते हुए इसे देश का सेकंड टॉप इंजीनियरिंग संस्थान बताया जा रहे हैं जबकि हकीकत यह है कि एमएचआरडी रैंकिंग लिस्ट में यह दसवें स्थान पर है.
चकित करने वाली बात यह है कि यह दावा आईआईटी पटना ( बिहटा) के निदेशक पुष्पक भट्टाचार्य के रिफ्रेंस से किया गया है. लेकिन नौकरशाही डॉट कॉम ने जब इस दावे की सच्चाई की पड़ताल की तो पता चला कि आईआईटी पटना दसवें रैंक पर है. खरी खरी बात तो यह है कि यह रैंकिगंग जुलाई 2016 में खुद मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गयी है. गौरतलब है कि इससे पहले भारत में संस्थानों की रैंकिग निर्धारित करने का कोई मापदंड नहीं था.
लेकिन कुछ मीडिया इसे बिहार की छवि चमकाने में इतने उत्साहित हुए कि आईआईटी पटना को सेकंड टाप इंजीनियरिंग संस्थान बताने में पीछ नहीं रहे. दर असल इस मामले की सच्चाई यह है कि पिछले महीने आईआईटी पटना को ऐप डेवलप करने के मामले में दूसरा रैंक प्राप्त हुआ था. इसके लिए एक कंटेस्ट हैकाथन (Hackathon v 2.0 mobile app development contest) आयोजित किया गया था. इस कंटेस्ट में आईाआईटी पटना की टीम को दूसरा रैंक प्राप्त हुआ था. इसके लिए टीम को 75 हजार रुपये का पुरस्कार भी मिला था. यह कंटेस्ट 21 दिस्मबर को आयोजित हुआ था.
जहां तक देश के टाप 25 इंजीनियरिंग कालेजों की रैंकिग का सवाल है तो एमएचआरडी की 2016 की रिपोर्ट में दूसरे स्थान पर आईआईटी बम्बे है. पहले स्थान पर आईआईटी मद्रास, तीसरे पर दिल्ली, चौथे पर आईआईटी कानपुर, पांचवे पर आईआईटी खडगपुर है. इसी तरह इस लिस्ट में आईआईटी पटना दसवें पायदान पर है.