कुशवाहा पर लाठी चलाने का मामला: JDU नेता ने कर दी बगावत, थामा RLSP का हाथ.
जदयू के पूर्व प्रदेश महासचिव परमानंद सिंह ने उपेंद्र कुशवाहा पर हुए लाठीचार्ज को लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला करा देते हुए पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. परमानंद सिंह जेपी सेनानी लोकतंत्र संगठन बिहार के उपाध्यक्ष हैं.
परमानंद सिंह ने नौकरशाही डॉट कॉम को बताया कि श्री कुशवाहा पर हमला एक गहरी साजिश का परिणाम है. उन्होंने कहा कि जो नीतीश कुमार खुद को जेपी-लोहिया के शागिर्द बताते नहीं थकते उनके एक करीबी पुलिस अधिकारी कुंदन कृष्णण के इशारे पर कुशवाहा जी के ऊपर हमला किया गया.
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परमानंद सिंह 3 फरवरी को पीएमसीएच में घायल उपेंद्र कुशवाहा से मिलने पहुंचे थे.
उन्होंने उपेंद्र कुशवाहा के लोकतांत्रिक संघर्षों की प्रशंसा की और कहा कि बिहार में एक मात्र उपेंद्र कुशवाहा ही हैं जो नीतीश कुमार के तानाशाही रवैये के पहचानते हैं और उनका विरोध करते हैं. परमानंद ने नोकरशाही डॉट कॉम के सामने ही कुशवाहा से मिले और वहीं पर जदयू को छोड़ने की घोषणा की.
गौरतलब है कि पटना में उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में 2 फरवरी को RLSP के कार्यकर्ताओं ने आक्रेश मार्च का आयोजन किया गया था. इस दौरान ये लोग राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे. लेकिन पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी. इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई और फिर पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया इस दौरान उपेंद्र कुशवाहा समेत अनेक लोग घायल हो गये.
उपेंद्र कुशवहा हाल तक एनडीए में थे और वह केंद्रीय मंत्री भी थे.
उपेंद्र कुशवाहा ने नौकरशाही डॉट कॉम से बातचीत करते हुए कहा कि अगर पुलिस को प्रदर्शनकारियों से ऐतराज था तो उन्हें हमार चार पांच प्रतिनिधियों को ही ज्ञापन सौंपने के लिए बुलाया होता. लेकिन पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया.